आजकल रोड, ऑफिस, बाजार आदि कहीं भी कोई लावारिस वस्तु पड़ी मिलती है तो लोग उसे जल्दी उठाना नहीं चाहते. क्या पता उसमें बम रखा हो या कोई घातक हथियार हो.क्योंकि आतंकवादी कुछ इसी अंदाज में लावारिश वस्तुओं के जरिए आतंक मचा रहे हैं. सिलीगुड़ी में भी आज सुबह 8:00 बजे कुछ ऐसा ही नजारा भक्ति नगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत चेक पोस्ट इलाके में देखा गया, जब एक लावारिस लैपटॉप ने वहां कुछ देर के लिए लोगों को आतंकित कर दिया. एक सनसनी फैल गई.
दरअसल एक व्यक्ति सेवक के रास्ते टैक्सी से सिलीगुड़ी आ रहा था. सिलीगुड़ी के चेक पोस्ट पर टैक्सी रुकी तो वह व्यक्ति भी अपने सामान के साथ नीचे उतर गया. उसके पास बैग और दूसरे सामान के अलावा एक लैपटॉप भी था. उसने गाड़ी से सभी सामान तो बाहर उतार लिए, परंतु लैपटॉप की ओर उसका ध्यान नहीं था, जिसे उसने रेलिंग के पास रख दिया था और भूल गया था. लैपटॉप को छोड़कर बाकी सामान उतार कर वह वहां से जाने लगा. प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार वह व्यक्ति अपना सामान लेकर दार्जिलिंग मोड की ओर ऑटो पकड़ कर चला गया.
उसके जाने के बाद टैक्सी स्टैंड पर खड़े एक टैक्सी ड्राइवर की नजर संदिग्ध वस्तु लैपटॉप पर पड़ी तो वह कुछ देर के लिए दहशत में आ गया. इसके बाद उसने दूसरे टैक्सी ड्राइवर को आवाज देकर बुलाया. देखते देखते कई टैक्सी चालक वहा जमा हो गए. अब तक यह स्पष्ट हो गया था कि लावारिस वस्तु कोई विस्फोटक नहीं थी. बल्कि वह एक लैपटॉप था, जिसे वह व्यक्ति भूलवश छोड़कर चला गया था. इसके बाद सभी टैक्सी चालकों ने लावारिस लैपटॉप को भक्ति नगर पुलिस स्टेशन में जमा करने की योजना बनाई.
यह फैसला करने के बाद उन सभी टैक्सी चालकों ने लैपटॉप को लेकर भक्ति नगर पुलिस स्टेशन के आई सी अमरेश सिंह से मुलाकात की और सारी बात बताई. उनसे अनुरोध किया कि जिस व्यक्ति का यह लैपटॉप है, उसे वापस मिल जाए. इसके लिए व्यवस्था की जाए. आई सी ने उन सभी की बातें गौर से सुनी और आश्वासन दिया कि जिस व्यक्ति का लैपटॉप है, उस व्यक्ति को वापस मिले,इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सभी उपाय किए जाएंगे. भक्ति नगर पुलिस स्टेशन के IC ने टैक्सी चालकों की ईमानदारी की प्रशंसा की और लैपटॉप को अपने पास सुरक्षित रख लिया.
टैक्सी चालकों ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि लावारिस लैपटॉप का वारिस मिले, वे यही चाहते हैं. टैक्सी चालकों ने कहा कि जिस भी व्यक्ति का लैपटॉप हो उसे सामान मिल जाए, उन लोगों की इसी में खुशी है. किसी भी मुसाफिर का सामान गाड़ी में छूट जाए तो चालक का फर्ज और दायित्व बनता है कि मुसाफिर को उसका खोया हुआ सामान मिल सके. यात्री की खुशी ही चालकों की सच्ची खुशी होती है. इसी भाव से उन लोगों ने लावारिस लैपटॉप को थाने में जमा कर दिया, ताकि प्रशासन अपने तरीके से लैपटॉप के मालिक की खोज कर उसे उसका सामान वापस दिला सके.