September 15, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी में हफ्ता लेते रंगे हाथों पकड़े गए सब-इंस्पेक्टर और तीन सिविक वॉलिंटियर, सबको लगी बड़ी कार्रवाई की मार


सिलिगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के एक सब इंस्पेक्टर निलंबित, तीन सिविक वॉलिंटियर की नौकरी गई।

सिलीगुड़ी, 31 जुलाई: “रक्षक ही भक्षक!” — यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई जब सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के एक सब-इंस्पेक्टर और तीन सिविक वॉलिंटियर को अवैध कॉल सेंटर से हफ्ता लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। माटीगाड़ा के लोकनाथ कॉलोनी स्थित एक फ्लैट में चल रहे इस फर्जी कॉल सेंटर से नियमित रूप से रिश्वत ली जा रही थी, और इसे दबोचने की कार्रवाई में पुलिस के अपने ही बेनकाब हो गए।

सूत्रों के मुताबिक, माटीगाड़ा थाना और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की संयुक्त कार्रवाई में यह बड़ा खुलासा हुआ। शुक्रवार देर रात की इस रेड में कमिश्नरेट के कंट्रोल रूम में तैनात सब-इंस्पेक्टर बिनॉय तमांग और तीन सिविक वॉलिंटियर — अबू बकर सिद्दीकी, असीम कुमार बर्मन और छोटका दास — को रंगे हाथों हफ्ता लेते पकड़ा गया।

जांच में सामने आया कि ये सभी इस अवैध कॉल सेंटर की गतिविधियों से अच्छी तरह वाकिफ थे, लेकिन कार्रवाई के नाम पर मोटी रकम वसूल कर मौन साधे हुए थे। वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे में रखकर ये लोग कॉल सेंटर से हफ्ता उगाही कर रहे थे।

घटना सामने आते ही सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट में हड़कंप मच गया। तेजी से कार्रवाई करते हुए तीनों सिविक वॉलिंटियर को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, वहीं सब-इंस्पेक्टर बिनॉय तमांग को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

डीसीपी (मुख्यालय) तन्मय सरकार ने एक अखबार चैनल को खबर पुष्टि करते हुए कहा, “तीनों सिविक वॉलिंटियर को सेवा से हटा दिया गया है और एक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर जांच शुरू की गई है। हालांकि यह एक आंतरिक मामला है, इसलिए विस्तृत जानकारी साझा नहीं की जा सकती।”

इस घटनाक्रम ने पहले से ही दबाव में चल रही सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की छवि पर और सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार हो रही लूट, डकैती की वारदातों के बीच इस तरह की अंदरूनी भ्रष्टाचार की खबरों ने कमिश्नरेट को हिला दिया है।

मेट्रोपॉलिटन पुलिस के सूत्रों का कहना है कि एसओजी और माटीगाड़ा थाना पुलिस बीते एक महीने से इस कॉल सेंटर पर नजर रखे हुए थी। इसी दौरान संदेहास्पद गतिविधियों के चलते विभाग के ही कुछ लोगों पर शक गहराया, जो शुक्रवार रात सच साबित हुआ।

फिलहाल पुलिस इस कॉल सेंटर के मुख्य संचालकों — मनिंदर सिंह और निशान शर्मा — की तलाश में जुटी है, जो अब तक फरार हैं।

इस कार्रवाई को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निचली रैंक के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को कड़ा संदेश माना जा रहा है।

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