मधुशालाओं के शौकीन लोग पूजा के दौरान शहर में देर रात तक एंजॉय कर सकते हैं. पीने पिलाने का शौक रखने वाले पूजा भी घूमेंगे और पब या बार में बैठकर दारू भी पीयेंगे. बस जेब में पैसे होने चाहिए. सिलीगुड़ी शहर में देर रात तक पब, बार, डिस्को खुले रहेंगे. समय की कोई पाबंदी नहीं. लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग का यह फैसला कहीं शांति और सुरक्षा पर भारी न पड़ जाए?
एक तरफ सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस पूजा के दौरान शहर में शांति और सुरक्षा के लिए काम कर रही है और विभिन्न योजनाओं के जरिए अपनी रणनीति को अंजाम दे रही है, तो वहीं दूसरी तरफ आबकारी विभाग का यह फैसला कि पूजा के दौरान सिलीगुड़ी के पब, बार और डिस्को देर रात तक खुले रहेंगे, काफी हैरान करता है. क्या देर रात तक पब, बार व डिस्को खुले रहने से शराबियों का हुड़दंग नहीं बढ़ेगा? ऐसे में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस, जिस पर पूजा के दौरान शहर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, अनहोनी को कैसे संभाल पाएगी?
क्या आबकारी विभाग पिछले दिनों की घटना को भूल गया है? कुछ ही दिनों पहले की बात है, जब चांदमुनि स्थित एक शॉपिंग मॉल में चार युवाओं ने शराब के नशे में उत्पात मचाया था और जब युवाओं को संभालने की पुलिस ने कोशिश की, तो नशे में बेसुध युवाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया था. इस घटना में दो सिविक वॉलिंटियर बुरी तरह से घायल हो गए थे. पूजा में भीड़भाड़ ऐसे ही बढ़ जाती है. लोग घूमने निकलते हैं. उनमें स्त्री, पुरुष, बच्चे सभी होते हैं. ऐसे में उनके साथ कोई अनहोनी हो सकती है. लेकिन आबकारी विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं है.
आबकारी विभाग को पैसा चाहिए. सिलीगुड़ी के पब, बार और डिस्को वाले विभाग को मुंह मांगा पैसा दे चुके हैं.आबकारी विभाग के अधिकारियों ने घोषणा कर दी है कि रात्रि 2:00 बजे तक वे अपना व्यापार जारी रख सकते हैं. यानी शहर के पब, बार और डिस्को पूजा के दौरान रात्रि 2:00 बजे तक खुले रहेंगे. नई चुनौतीपूर्ण स्थिति पर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अधिकारी भी असहाय नजर आ रहे हैं. उनका तर्क है कि शराब से जुड़े मामले आबकारी विभाग देखता है और इस पर नियंत्रण के लिए स्वतंत्र फैसला लेने का उत्तरदाई भी है. पुलिस इसमें कुछ नहीं कर सकती है.
अगर पिछले साल की बात करें तो दुर्गा पूजा के दौरान सिलीगुड़ी पुलिस के अधिकारियों ने शहर के पब, बार और डिस्को को रात्रि 12:00 बजे तक ही खुला रखने की इजाजत दी थी. इस बार ऐसा क्या हो गया? सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी शहर की मधुशालाओं ने आबकारी विभाग और पुलिस महकमा से सांठ-गांठ करके पूजा के दौरान मोटी कमाई करने का जुगाड़ लगा लिया है. इसलिए पुलिस और आबकारी विभाग के द्वारा शहर की मधुशालाओं पर समय की पाबंदी नहीं लगाई गई है. हालांकि 2 अक्टूबर को हमेशा की तरह ड्राई डे मनाने का फैसला किया गया है.
सिलीगुड़ी, माटीगाड़ा, बागडोगरा और आसपास सभी जगह शराब की दुकानों की भरमार है और मधुशालाओं में पीने पिलाने वालों की भी भारी तादाद है. वर्तमान में जो नियम है, उसके अनुसार रात्रि 11:00 बजे तक ही होटल, बार, रेस्टोरेंट, पब आदि में बैठकर पी सकते हैं. इन दुकानों को रात्रि 11:00 के बाद खोलने की इजाजत नहीं है. लेकिन पैसे के आगे सारे कायदे, कानून और नियम भी फेल हो जाते हैं. ऐसे में शराबियों के हुड़दंग और अशांति की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है? इसके लिए कौन जिम्मेवार होगा?