जिस तरह से देश भर में खुफिया विभाग और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई चल रही है, जिस तरह से गृह मंत्रालय के फरमान का पालन किया जा रहा है, जिस तरह से सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा बढ़ाई गई है, जिस तरह से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर पुलिस और गश्ती दल अलर्ट पर हैं, उससे यही कहा जा सकता है कि यह तूफान आने से पहले की तैयारी है. सरल शब्दों में कहें तो भारत पाकिस्तान पर कभी भी हमला कर सकता है. ताकि किसी तरह की कोई चूक न रहे, भारत उसकी पूरी तैयारी कर लेना चाहता है.
सिलीगुड़ी गलियारे में सेना ने मोर्चा संभाल रखा है. पश्चिम बंगाल पुलिस और खुफिया विभाग ने मिलकर सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश तेज कर दी है. भारत सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जाए. गृह मंत्रालय के फरमान के बाद बंगाल पुलिस तथा संबंधित विभाग ऐसे लोगों का पता लगा रहे हैं जो वीजा पर पाकिस्तान से भारत आए हैं. कयास लगाया जा रहा है कि यह लोग पानी टंकी से नेपाल या भूटान या बांग्लादेश भागकर शरण ले सकते हैं. इसलिए उनकी भूसे के ढेर में सुई की तरह तलाश की जा रही है.
सिलीगुड़ी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित है. सिलीगुड़ी से भूटान, नेपाल, बांग्लादेश और चीन की सीमा लगती है. सिलीगुड़ी गलियारा सामरिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. यह काफी संवेदनशील क्षेत्र है. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में अगर कोई बाहरी तत्व आता है तो उसके नेपाल, बांग्लादेश, भूटान की सीमा में घुसने का मौका मिल सकता है. पहलगाम अटैक के बाद सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में तो बीएसएफ ने पहले से ही सख्ती बढ़ा दी है. पुलिस भी खुफिया विभाग के साथ मिलकर अपना काम कर रही है.
पाकिस्तान की ओर से मिली धमकी के बाद, जिसमें यह कहा गया था कि अगर भारत-पाक युद्ध होता है तो भारत के कई शहरों में पाकिस्तानी आतंकवादी कत्लेआम मचा सकते हैं, चिकन नेक क्षेत्र में आतंकवादियों की तलाश तो पहले से ही शुरू कर दी गई है.अब पाकिस्तानी नागरिकों को भी ढूंढा जा रहा है. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद विदेश मंत्रालय ने भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों की सूची खुफिया विभाग को सौंप दी है. इसके आधार पर ही तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि बंगाल पुलिस की खुफिया शाखा और इंटेलिजेंस सूत्र बता रहे हैं कि सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में वीजा पर कोई भी पाकिस्तानी नागरिक मौजूद नहीं है.
लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बन गए हैं. और कभी भी दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता है. ऐसे में भारत सरकार नहीं चाहती कि पाकिस्तान का कोई भी नागरिक भारत में मौजूद रहे. ऐसा सुरक्षा कारणों से भी जरूरी है. सूत्र बता रहे हैं कि 50 पाकिस्तानी नागरिक भारत से नेपाल के रास्ते काठमांडू हवाई अड्डे पर पहुंचे हैं. उनकी गतिविधियों पर भारत और नेपाल की खुफिया एजेंसियां नजर रख रही हैं.यह पता लगाया जा रहा है कि क्या इनका संबंध पहलगाम हमले से तो नहीं है? क्योंकि पहलगाम हमले के आतंकवादी अब तक पकड़े नहीं जा सके हैं.वे या तो पाकिस्तान में चले गए हैं या फिर भारत अथवा सीमावर्ती देशों में छुप कर रह रहे हैं.
सिलीगुड़ी गलियारे की रक्षा त्रिशक्ति कोर कर रही है. सिलीगुड़ी से सटे पानी टंकी नेपाल सीमा पर बीएसएफ जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है और वहां कड़ी चौकसी बरती जा रही है. इसके अलावा सिलीगुड़ी से सटे फुलवारी में भारत बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ के अतिरिक्त जवानों को तैनात कर दिया गया है. कोई आतंकवादी इस इलाके में घुस ना सके, यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. केंद्र से मिल रहे फरमान के बाद बंगाल पुलिस और खुफिया एजेंसी किसी भी तरह की कोताही बरतना नहीं चाहती है. यही कारण है कि यहां सख्ती काफी बढ़ा दी गई है. ऐसा लगता है कि पाकिस्तान से युद्ध करने से पहले भारत अपनी पूरी तैयारी कर लेना चाहता है, ताकि किसी तरह की कोई चूक ना रहे.
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