भूल जाइए उस दिन को, जब आरटीओ कार्यालय से आपको ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कागज में दिया जाता था. इसे बनाने के लिए आपको आरटीओ के चक्कर लगाने पड़ते थे. बाबू लोगों से मिलना पड़ता था. उन्हें खिलाना पड़ता था. उनकी मुट्ठी गर्म करनी पड़ती थी. तब अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग कार्ड होते थे. कई बार ऐसे कार्डो की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे थे. कार्ड की गुणवत्ता को लेकर तो हमेशा ही विवाद उत्पन्न होते रहे थे.
एक जिले का कार्ड दूसरे जिले में कभी-कभी अमान्य हो जाता था या फिर वाहन चालकों को कार्ड प्रमाणित करने के लिए आरटीओ के अधिकारियों की सेवा लेनी पड़ती थी. कभी-कभी तो ट्रैफिक पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस की अनिश्चितता में वाहन चालक को अनावश्यक रोक कर रख देती थी. बाद में तो ऐसे कार्ड बंद ही कर दिए गए. उसके बाद मोबाइल पर ही लाइसेंस तथा रजिस्ट्रेशन के पेपर आने लगे. वाहन चालक इनके कार्ड बनवा लेते हैं. देखा जाए तो इनमे ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन संबंधी जानकारियां तो सही रहती है, परंतु कार्ड का परिवहन विभाग से कोई लेना-देना नहीं रहता.
अब वह समय लद गया. नए बंगाल और नई सरकार में ड्राइविंग लाइसेंस भी स्मार्ट हो गया है. जुलाई में जारी करने की बात थी. लेकिन सरकार ने एक महीना पहले ही जून में जारी कर दिया. आरटीओ कार्यालय ने डी एल तथा आरसी का स्मार्ट कार्ड लांच कर दिया है. यह स्मार्ट कार्ड आपको घर बैठे मिलेगा.इसके लिए आपको आरटीओ कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है. ब्लू बुक भी डाक द्वारा उपलब्ध हो जाएगी. सिलीगुड़ी समेत पूरे राज्य में बेलतला स्थित आरटीओ कार्यालय से ड्राइविंग लाइसेंस तथा आरसी का स्मार्ट कार्ड भेजे जा रहे हैं. राज्य के परिवहन मंत्री तथा उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में पिछले दिनों स्मार्ट कार्ड जारी कर दिए गए.
राज्य के परिवहन मंत्री स्नेह आशीष चक्रवर्ती ने कहा कि वाहन चालकों को आरटीओ कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है.महज ₹200 के बदले ऐसे लोगों को उनके घरों तक स्मार्ट कार्ड पहुंचाए जाएंगे. डाक विभाग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.पश्चिम बंगाल में इस तरह का पहला स्मार्ट कार्ड है जहां एटीएम साइज के स्मार्ट कार्ड में चिप व क्यू आर कोड की व्यवस्था रखी गई है.
जैसे ही आप गाड़ी का टेस्ट देते हैं,उसके कुछ ही दिनों के भीतर डाकिया आपके घरों तक स्मार्ट कार्ड पहुंचाएगा. इस तरह की उन्नत तकनीक वाहन चालकों को मुहैया कराने वाला पश्चिम बंगाल देश का पहला राज्य बन गया है.
सिलीगुड़ी के जिन लोगों के पास पहले से ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड के पेपर पड़े हैं,अगर वह स्मार्ट कार्ड चाहते हैं तो वह ऑनलाइन इसे बदला सकते हैं. यह एक ऐसा स्मार्ट कार्ड होगा जिससे किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं होगी. कोई भी व्यक्ति किसी व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस लेकर उसका उपयोग नहीं कर सकेगा.
ड्राइविंग लाइसेंस स्मार्ट कार्ड में 64 KB मेमोरी वाला चिप उपलब्ध रहेगा. इस स्मार्ट कार्ड को पॉलीकार्बोनेट से बनाया गया है और यह टैंपर प्रूफ है.चिप में ड्राइवर के बारे में सभी सूचनाएं उपलब्ध रहेगी.