बांग्ला नव वर्ष की छुट्टी है. रविवार को साप्ताहिक अवकाश रहता है. इसलिए दफ्तर बंद रहते हैं. सोमवार को कोई छुट्टी नहीं है. लेकिन उस दिन आदिवासी सेंगल अभियान ने 12 घंटे बंगाल बंद का आह्वान किया है. भाजपा और दूसरे संगठनों की ओर से सोमवार को परोक्ष रूप से बंगाल बंद की तैयारी की जा रही है.
आखिर आदिवासी सेंगल अभियान बंगाल बंद का आह्वान क्यों कर रहा है? दरअसल बालूरघाट की यह घटना है. जब तीन आदिवासी महिलाएं भाजपा में शामिल हुई थी. लेकिन बाद में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में जाने की इच्छा व्यक्त की. उन्हें तृणमूल में शामिल भी कर लिया गया. परंतु जैसा कि स्थानीय लोग बता रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता ने तृणमूल कांग्रेस से दगा करने और भाजपा का साथ देने के एवज में उन तीनों महिलाओं से सड़क पर नाक रगड़वायी थी.
बालूरघाट की यह घटना काफी सुर्खियों में रही. इसको लेकर ना केवल बंगाल में ही, बल्कि दिल्ली में भी काफी चर्चा हुई थी. स्थानीय स्तर पर इस घटना को आदिवासी सेंगल ने उठाया था और आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और सजा देने की मांग की थी. परंतु पुलिस ने इस संबंध में आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया था. बाद में भाजपा और दूसरे संगठनों के दबाव के बाद पुलिस ने इस संबंध में 2 लोगों की गिरफ्तारी की थी. जिसे आदिवासी संगठन और भाजपा के लोग निर्दोष बता रहे हैं.
पश्चिम बंगाल भाजपा के राज्य अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राष्ट्रीय एस टी कमीशन के चेयरमैन को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने जिन 2 लोगों को गिरफ्तार किया है, वे बेगुनाह है. यह भी कहा जा रहा है कि वह इस घटना से जुड़े हुए नहीं है. इसके विपरीत संगठन ने जिन 2 लोगों को आरोपी बनाया है, पुलिस ने उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया है.आदिवासी संगठन के अनुसार इस घटना के मुख्य आरोपी तृणमूल नेता प्रदीप्ता चक्रवर्ती है जिन्हें गिरफ्तार करने के लिए आदिवासी सेंगल संगठन मांग कर रहा है.
उधर बंगाल भाजपा ने भी प्रदिप्ता चक्रवर्ती को गिरफ्तार करने को लेकर राष्ट्रीय एस टी कमीशन को पत्र लिखा है. इस तरह से 17 अप्रैल को 12 घंटे बंगाल बंद के आह्वान में भाजपा का सीधा हाथ नहीं होने के बावजूद भाजपा आदिवासी सेंगल को अपना पूरा समर्थन दे रही है. आदिवासी सेंगल अभियान के उत्तर बंगाल जोनल के अध्यक्ष मोहन हांसदा ने कहा है कि जब तक घटना के मुख्य आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार नहीं किया जाता,तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
इस संगठन ने सोमवार को बंगाल बंद का आह्वान किया है और विभिन्न आदिवासी संगठनों को बंद का समर्थन करने के लिए कहा है. इस बीच मोहन हांसदा का बयान आया है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार आदिवासियों पर हमले करा रही है. इसके खिलाफ ही सोमवार को बंगाल बंद का आह्वान किया गया है.