इस दुनिया में एक से बढ़कर एक कलाकार और मूर्तिकार हैं. कला और शिल्प के लिए पश्चिम बंगाल जाना जाता है. प्रतिमा निर्माण के लिए बंगाल के कलाकारों को देशभर में बुलाया जाता है. बंगाल का ही एक कलाकार है, जो होम्योपैथी की एक छोटी सी शीशी में रंग उड़ेल कर मां दुर्गा की जीवंत प्रतिमा तैयार करता है. ऐसी अद्भुत प्रतिमा जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे और उस कलाकार पर गर्व होगा, जिसने ऐसी प्रतिमा बनाई है!
इस प्रतिमाकार का नाम तुहीन मंडल है. वह नादिया जिले का रहने वाला है. उसने एक छोटी सी शीशी में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाकर एक अनूठी मिसाल कायम की है.आप कल्पना करिए कि होम्योपैथिक की एक छोटी सी शीशी है और उसके भीतर मां दुर्गा की कलाकृति बनानी है. बड़े से बड़े कलाकार फेल हो जाएंगे. क्योंकि यह असंभव कार्य है. लेकिन इस असंभव कार्य को संभव किया है तुहीन मंडल ने. उसने रंग उड़ेल कर यह अद्भुत कलाकृति बनाई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तुहीन मंडल लगभग 20 साल से इस पेशे से जुड़ा हुआ है. उसका परिवार काफी गरीब है. परिवार में अकेला कमाने वाला है. छोटे-मोटे अन्य कार्य कर परिवार का खर्च उठाता है. लेकिन कलाकृति तैयार करना उसका पेशा है और वह बचपन से ही ऐसा करता आ रहा है. उसके पिता अब्दुल मुजीब मंडल भी एक ड्राइंग आर्टिस्ट थे. वे चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर एक मशहूर कलाकार बने. बेटे ने बाप का सपना साकार किया है.
यह वही तुहीन मंडल है, जिसने विश्व प्रसिद्ध कवि रवींद्र नाथ की मूर्ति की पेंटिंग तैयार कर दुनिया में तहलका मचा दिया था. विदेश से सफलता का झंडा लहराकर वह भारत आया तो उसकी चर्चा चारों तरफ होने लगी. अब वह व्यस्त कलाकार बन गया है. लोग उसे जानने और समझने लगे हैं. तुहीन मंडल शादीशुदा है. लेकिन उसका दांपत्य जीवन किसी समय बड़ी कठिनाइयों से गुजर रहा था. और वह मानसिक रूप से टूट गया था.
कहते हैं कि हर कलाकार के जीवन में मुसीबतें आती हैं. कलाकार बड़े धैर्य के साथ उसका मुकाबला करता है. तुहीन मंडल ने भी धैर्य और साहस के साथ कठिनाइयों का मुकाबला किया है. इसीलिए उसे सफलता मिली है. उसने बताया कि 500 से भी ज्यादा उसने कलाकृतियां तैयार की है. वह भविष्य में एक बड़ा चित्रकार और कलाकार के रूप में स्वयं को स्थापित करना चाहता है.