November 15, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी शहर रथयात्रा के समंदर में डुबकी लगाएगा!

बस कुछ पल की और देर है. पूरा सिलीगुड़ी शहर रथ यात्रा के समंदर में डुबकी लगाने के लिए उतावला है. इस बार की रथ यात्रा अब तक की तमाम रथयात्रा का रिकार्ड तोड़ेगी. अत्यंत धूमधाम व भक्ति भाव से इस्कॉन मंदिर से निकाली जाने वाली रथ यात्रा सिलीगुड़ी के कई इलाकों का परिभ्रमण करेगी. सूर्य नगर मैदान, रथ खोला और शक्तिगढ के गौरिया मठ जैसे स्थानों पर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

केवल सिलीगुड़ी ही क्यों, पूरा देश रथ यात्रा के समंदर में गोते लगाने जा रहा है. उड़ीसा के पुरी में रथ यात्रा की अद्वितीय तैयारी है तो उड़ीसा के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों ने भी रथ यात्रा की अनुपम तैयारी कर ली है. सिलीगुड़ी में यह पहला अवसर होगा जब यह रथ यात्रा अत्यंत भव्य और भक्तिवेदांता से परिपूर्ण होगी. सिलीगुड़ी के इस्कॉन मंदिर के अधिकारी रामकृष्ण दास ने रथ यात्रा की तैयारी के बारे में बताया कि पूरे शहर में उत्सव मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जगन्नाथ देव की मौसी का घर पहली बार इतना बड़ा बनाया गया है.

हर साल बाघाजतिन पार्क में जगन्नाथ देव की मौसी का घर बनता था. लेकिन वहां पार्किंग की समस्या को देखते हुए इस बार सूर्य नगर मैदान में भव्य स्तर पर घर बनाया गया है. रथ यात्रा के उपलक्ष में तथा रथ यात्रा को शानदार और दिव्य बनाने के मकसद से देश के कई जगहों तथा मठो से महाराज सिलीगुड़ी पधार रहे हैं. पुरी मंदिर से पुरुषोत्तम स्वामी सिलीगुड़ी आएंगे. वे जगन्नाथ की लीलाओं का कथा वाचन करेंगे. कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम की इस बार वृहद स्तर पर व्यवस्था की गई है.

इस्कॉन मंदिर के अधिकारी श्री रामकृष्ण दास ने प्रशासन से अपील की है कि जिस तरह से सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा, काली पूजा, गणेश पूजा आदि का आयोजन होता है, ठीक उसी तरह से इस्कॉन रथ यात्रा के आयोजन में प्रशासनिक सहयोग किया जाना चाहिए. रथ यात्रा को देखते हुए इस्कॉन मंदिर, शक्तिगढ़ गोरिया मठ तथा सूर्य नगर मैदान को भव्य तरीके से सजाया गया है.यह रथयात्रा हाशमी चौक, सेवक रोड आदि सड़कों की परिक्रमा करते हुए जगन्नाथ देव की मौसी के घर जाएगी.

रथ यात्रा के भव्य आयोजन का पता इसी बात से लग जाता है कि केशव गौरिया मठ में शनिवार से ही प्रसाद वितरण का कार्यक्रम शुरू हो गया है. मठ के महाराज भक्ति वेदांत माधव महाराज ने बताया कि रथ यात्रा के दिन 80000 लोगों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है. अन्य दिनों में भी यह व्यवस्था जारी रहेगी.

आपको बताते चलें कि प्रत्येक साल आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन जगन्नाथ देव की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है. इस दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाओं को रथ में बैठाकर नगर भ्रमण कराया जाता है. उड़ीसा की पूरी में हर साल जगन्नाथ देव की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है. इस तीन देश के हर जगहों से लोग यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मंदिर के दर्शन से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

गुंडिचा मंदिर को भगवान विष्णु की मौसी गुंडचा का घर माना जाता है.ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु रथ यात्रा के दौरान रथ पर सवार होकर अपनी मौसी के घर जाते हैं. भगवान विष्णु अपनी मौसी के यहां पूरे 1 सप्ताह तक रुकते हैं. यहां उनका खूब आदर सत्कार होता है और मौसी से लाड दुलार मिलता है. भगवान जगन्नाथ भगवान विष्णु के अवतार में से एक हैं.

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