2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही भाजपा एक सुनियोजित रणनीति के हिसाब से भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह और जोश का संचार करते हुए पार्टी में व्याप्त गुटबाजी पर विजय प्राप्त करने की कोशिश कर रही है. इसका संकेत बंगाल भाजपा नेता असीम घोष को हरियाणा का राज्यपाल बनाए जाने तथा बंगाल भाजपा में लगभग हाशिए पर जा चुके पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष को नरेंद्र मोदी की सभा में बुलाने से ही लग जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 18 जुलाई को दुर्गापुर में एक सभा होने वाली है. सभा में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष शामिल होंगे. दिलीप घोष ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. इसमें कोई शक नहीं है कि भाजपा से साइड लाइन हो चुके दिलीप घोष को फिर से भाजपा की केंद्र धुरी में लाने में शमिक भट्टाचार्य का पूरा हाथ है. जब से शमिक भट्टाचार्य ने प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभाला है, तभी से बंगाल भाजपा की सियासत में बदलाव आता जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषक शमिक भट्टाचार्य को प्रदेश भाजपा के लिए अत्यंत शुभ बता रहे हैं और इसे भाजपा में बदलते समीकरणों का संकेत मान रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि शमिक भट्टाचार्य केंद्रीय भाजपा के साथ ताल मिलाकर चल रहे हैं. केंद्रीय भाजपा ने 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव में सत्ता का ख्वाब देखा है और इसके लिए सोच समझकर रणनीति बनाई गई है. प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से ही इसकी झलक मिलने लगी थी. शमिक भट्टाचार्य इस समय प्रदेश भर में दौरा कर रहे हैं और भाजपा से साइड लाइन हो चुके पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी के केंद्रीय बिंदु में लाने की कोशिश कर रहे हैं. जानकार मानते हैं कि जिस तरह की शमिक भट्टाचार्य की रणनीति है, उसमें कोई शक नहीं कि आने वाले कुछ समय में अलीपुरद्वार के पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके जॉन बारला भी पार्टी में शामिल न हो जाए.
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता की चुनौती देने के लिए भाजपा की जो रणनीति है, उसका अभी सिर्फ संकेत मिल रहा है. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, भाजपा की रणनीति का भी खुलासा होता जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ समय पहले ही उत्तर बंगाल में सभा करके जा चुके हैं. 18 जुलाई को वे दक्षिण बंगाल में सभा करने वाले हैं. इससे भी यह संकेत जाता है कि भाजपा दक्षिण बंगाल पर विशेष फोकस रखना चाहती है. शमिक भट्टाचार्य ने कहा भी था कि प्रदेश भाजपा उत्तर बंगाल में तो मजबूत है ही, दक्षिण बंगाल में भी अपना परचम लहराएगी.
इस तरह के कई अन्य संकेत मिल रहे हैं. लेकिन सबसे बड़ा सबूत नरेंद्र मोदी की सभा में दिलीप घोष का शामिल होना है. यह वही दिलीप घोष हैं, जो हाल ही में दीघा में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य सरकार के निमंत्रण पर पत्नी के साथ पहुंचे थे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ नजर आए थे. इससे भाजपा के अंदर कुछ नेताओं ने नाराजगी भी जताई थी.
इसके बाद दिलीप घोष को कई पार्टी कार्यक्रमों से दूर देखा गया. जिससे उनके भविष्य को लेकर संदेह और गहराता चला गया. कुछ समय पहले उन्होंने यह कहकर धमाका कर दिया था कि जल्द ही वह किसी मंच पर नजर आएंगे. जो भी हो, प्रदेश भाजपा के लिए यह राहत की बात होगी कि दिलीप घोष भाजपा से कहीं बाहर नहीं जा रहे हैं. और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होकर अपने भाजपाई होने का सबूत दे रहे हैं.
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