क्या आज के जमाने में भी बक्से से जिन्न निकलते हैं? कदाचित इस पर किसी को भरोसा नहीं होगा. कम से कम आज के पढ़े लिखे नौजवान तो बिल्कुल जिन्न जैसी बात पर भरोसा नहीं करेंगे. पर पुराने ख्यालों और अंधविश्वास में जी रहे कई लोग जिन्न, भूत प्रेत, जादुई बक्सा, किस्मत बदलने वाला बक्सा अथवा जादुई चिराग की बात पर भरोसा जरूर कर लेते हैं.
नागालैंड में दीमापुर में रहने वाली एक संभ्रांत महिला फूल कुमारी (कल्पित नाम) के पास सब कुछ था. लेकिन घर में सुख, शांति नहीं थी. इसलिए वह परेशान रहती थी. उन्हीं दिनों की बात है. फूल कुमारी ने सुना कि दार्जिलिंग से कोई पहुंचे हुए पादरी दीमापुर में डेरा डाले हुए हैं. वह लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं और दुखियों का दुख हरण कर लेते हैं. लोगों से सुनी हुई बातों में आकर फूल कुमारी ने उक्त पादरी से संपर्क किया और उन्हें अपनी व्यथा बताई. पादरी ने महिला को अगले दिन आने के लिए कहा.
अगले दिन फूल कुमारी जब पहुंचे हुए पादरी के दरबार में आई तो पादरी उसका ही इंतजार कर रहा था. पादरी ने कुछ देर तक महिला को सामने बैठाकर होठो में कुछ मंत्र पढा और कहा कि अगर फूल कुमारी को परिवार में सुख शांति और तरक्की चाहिए तो उसे एक मिस्ट्री बॉक्स की जरूरत है.यह बॉक्स उसकी तकदीर बदल देगा. फिर वह सारे कष्टों से मुक्त हो जाएगी.
पादरी से आश्वासन पाकर फूल कुमारी अपने घर लौट आई. पादरी ने बताया था कि हालांकि मिस्ट्री बॉक्स की कीमत काफी ज्यादा है. परंतु उसकी जान पहचान का एक व्यक्ति है, जिससे वह सस्ते में ही दिलवा देगा. घर लौटकर फूल कुमारी ने सोचा कि पैसा तो हाथ का मैल है लेकिन अगर घर में सुख शांति ना हो तो दौलत किस काम का? यही सोच कर फूल कुमारी ने मिस्ट्री बॉक्स खरीदने का फैसला कर लिया. इस दौरान पादरी और फूल कुमारी का मिलना जुलना जारी रहा. पादरी फूल कुमारी पर कुछ टोने टोटके करता. इसके अलावा कुछ अनुष्ठान आदि करवाता. फूल कुमारी वो सब कुछ करती, जो पादरी उससे करने के लिए कहता था. फूल कुमारी सारा खर्च उठाती. अब तक फूल कुमारी लाखों रुपए खर्च कर चुकी थी. अनुष्ठान के नाम पर पादरी को काफी पैसे भी दे चुकी थी.
2019 से इस घटना की शुरुआत हुई थी. उक्त पादरी मिस्ट्री बॉक्स अथवा जादुई जिन्न या जादुई बक्सा जो भी कह लीजिए, के नाम पर फूल कुमारी से विभिन्न बैंक खातों के जरिए कम से कम 3.5 करोड रुपए वसूल कर चुका था. इसके बाद ही पादरी ने फूल कुमारी को जादुई बक्सा अथवा मिस्ट्री बॉक्स यह कहते हुए दिया था कि उसे इस बक्से को कभी नहीं खोलना है. अन्यथा बक्से का जिन्न रूठ कर चला जाएगा और उसे कोई लाभ नहीं होगा.
पादरी ने अपनी अनोखी व रहस्यमय विद्या से फूल कुमारी को अपने वश में कर लिया था. इसलिए फूल कुमारी आंख मूंद कर पादरी की बात पर भरोसा कर लेती थी. 2 सालों की कठिन तपस्या के बाद फूल कुमारी मिस्ट्री बॉक्स लेकर घर लौटी तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. वह नियमित रूप से मिस्ट्री बॉक्स की पूजा करती. धूप दिखाती और घर में सुख शांति की प्रार्थना करती थी. ऐसा करते हुए काफी दिन हो गए. लेकिन उसे रती भर भी लाभ नहीं हुआ. जिस समस्या से वह पीड़ित रहती थी, वह वैसी ही बरकरार रही.
एक दिन फूल कुमारी को लगा कि हो सकता है कि बक्से के अंदर का जिन्न सो गया है.इसलिए उसे जगाना होगा ताकि उसके घर में बरकत आए. यह सोचकर फूल कुमारी ने बॉक्स को खोल दिया. लेकिन बॉक्स में कुछ नहीं था. जबकि पादरी ने कहा था कि बॉक्स में जिन्न है और यही जिन्न उसकी किस्मत बदल देगा. फूल कुमारी को लगा कि उसके साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है. इस जादुई बॉक्स के एवज में अब तक फूल कुमारी ने 3 करोड रुपए से ज्यादा गंवा दिए थे. रकम ज्यादा थी. पड़ोसियों को सारी बातों की जानकारी हुई तो उन्होंने फूल कुमारी को थाना जाने की सलाह दी. इसके बाद फूल कुमारी दीमापुर थाना जा पहुंची और उसने थाना प्रभारी को सारा घटनाक्रम कह सुनाया.
महिला की आपबीती और उसके द्वारा बताए गए घटनाक्रम को सुनकर पुलिस भी चकित हुए बगैर नहीं रह सकी.21वीं सदी में भी फूल कुमारी जैसे लोग जादुई बॉक्स अथवा जिन्न पर भरोसा करते हैं, थाना प्रभारी को भरोसा नहीं हुआ. फिर भी यह एक आपराधिक मामला था. अतः दीमापुर पुलिस ने फूल कुमारी की लिखित शिकायत पर मामला पंजीकृत कर लिया और मामले की छानबीन में जुट गई. दीमापुर पुलिस ने दार्जिलिंग पुलिस से संपर्क स्थापित किया और पादरी पर नजर रखने के लिए अनुरोध किया.
दार्जिलिंग पुलिस ने दीमापुर पुलिस को सहयोग करने का आश्वासन दिया. दीमापुर पुलिस के अनुरोध पर दार्जिलिंग पुलिस ने उक्त पादरी के बारे में पता किया तो पता चला कि वह दार्जिलिंग के कांतिभीता के न्यू लाइफ चर्च मिनिस्ट्री का पादरी था. उसका नाम रेवरिंज त्रिमोथी जोशी था. जब तक दीमापुर पुलिस दार्जिलिंग पहुंच नहीं गई, तब तक दार्जिलिंग पुलिस त्रिमोथी जोशी पर नजर बनाए रखी. इस दौरान पुलिस ने उक्त पादरी के बारे में छानबीन की तो पता चला कि वह पहले भी इसी तरह से कई लोगों खासकर महिलाओं को विभिन्न तरीकों से लूट चुका है और उनसे मोटी रकम वसूल करता रहा है.
दीमापुर पुलिस दार्जिलिंग पहुंची और दार्जिलिंग पुलिस के सहयोग से आरोपी पादरी को गिरफ्तार कर लिया. चर्चा है कि रेवरिंज त्रिमोथी जोशी नामक उक्त पादरी अपने कुछ खास चेलों के सहयोग से महिलाओं को अपने जाल में फंसाता था तथा उनकी किस्मत बदलने के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूल करता था. यह भी बताया जाता है कि पादरी अपने शिकार को हिप्नोटिज्म करता था. इसके बाद शिकार व्यक्ति उसके इशारे पर चलने लगता था. फिर जब उसका मकसद पूरा हो जाता तो वह स्थान बदल लेता था. दीमापुर पुलिस आरोपी पादरी जोशी को गिरफ्तार कर वापस दीमापुर ले गई है. आरोपी पादरी फिलहाल नागालैंड पुलिस की हिरासत में है. पुलिस उससे विस्तृत पूछताछ कर रही है.