सिलीगुड़ी के भक्ति नगर थाना अंतर्गत आशीधर चौकी के अंतर्गत कनकटा मोड पर स्थित एक बहुमंजिली इमारत के एक हाॅल कमरे में किराए पर रहने वाले उन लड़कों को यह पता भी नहीं था कि उनके काले कारनामों का भंडाफोड़ हो चुका है. पुलिस उनके पीछे लग चुकी है. उस समय वे लोग अपने फ्लैट में थे, तभी बैरकपुर की पुलिस आशीघर चौकी की पुलिस के साथ वहां पहुंची. पुलिस को देखते ही उनके चेहरे पर हैवानियां उड़ने लगी. वे 7 थे. उन्होंने वहां से भागने की कोशिश की. लेकिन सिलीगुड़ी पुलिस की सहायता से बैरकपुर की पुलिस ने सभी को धर दबोचा.
आरंभिक पूछताछ में एक युवक ने पुलिस को सब कुछ सच-सच बता दिया और सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो गया. उसने यह भी बता दिया कि किस तरह से सिलीगुड़ी से इस खेल को अंजाम दिया जा रहा था. यहां के कई विद्यार्थियों और महिलाओं के बैंक पासबुक, एटीएम आदि कार्ड 10 से ₹15 हजार रुपए किराए पर लेकर अपराधी ने रूपयों की हेरा फेरी कर रहे थे. पुलिस ने उसे सरकारी गवाह बनाकर बाकी 6 युवकों को आज जलपाईगुड़ी कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लेकर बैरकपुर की पुलिस वापस बैरकपुर लौट गई है. पूरा मामला क्या है, आपको जानना जरूरी है.
डिजिटल अरेस्ट एकदम नया शब्द है. संविधान में इस शब्द का उल्लेख नहीं है. लेकिन साइबर अपराधी इसी शब्द का उपयोग कर लोगों से ठगी कर रहे हैं और मालामाल बन रहे हैं. सिलीगुड़ी में अनेक लोग साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट के शिकार हुए हैं. लेकिन इसके बावजूद डिजिटल अरेस्ट का सिलसिला थमा नहीं है. मजे की बात तो यह है कि सिलीगुड़ी के एक किराए के फ्लैट से साइबर अपराधी अनोखी ठगी का धंधा चला रहे थे. कुछ दिनों पहले बैरकपुर का एक व्यक्ति उनके झांसे में आ गया. उस व्यक्ति से साइबर ठगों ने लाखों नहीं बल्कि पूरे साढे 5 करोड रुपए ठग लिए.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सितंबर उत्तरार्द्ध में एक दिन उस व्यक्ति के पास दिल्ली कस्टम का सेटअप लगे वीडियो कॉल आता है. इसमें कहा जाता है कि आपका पार्सल दिल्ली पुलिस ने जब्त कर लिया है. इसमें मादक पदार्थ और बिना राजस्व भुगतान के कुछ अन्य गैर कानूनी सामान पकड़े गए हैं. अगर आप पुलिस और कस्टम अधिकारियों के झंझट से बचना चाहते हैं तो इसके बदले में हमारी शर्त के अनुसार हमारी मांग पूरी करनी होगी. अन्यथा कानून का सामना करना होगा…
25 सितंबर 2024 को बैरकपुर साइबर थाने में एक व्यक्ति आया. उसने पुलिस अधिकारी को बताया कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है. साइबर ठगों ने उसके कई अकाउंट से 5 करोड़ 50 लाख रुपए निकाल लिए हैं. यह सुनकर पुलिस अधिकारी भी अवाक रह गए. लुटे हुए व्यक्ति ने बताया कि साइबर ठगों ने उसे डिजिटल बंधक बनाकर उसके सारे अकाउंट हैक कर लिए और कुल 5 करोड़ 50 लाख उसके खाते से निकाल लिए. रकम बड़ी थी. इसलिए साइबर पुलिस ने तुरंत ही मुकदमा दर्ज कर लिया और छानबीन शुरू कर दी. इसके लिए पुलिस की अपराध टीम का गठन किया गया.
जिन विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर कराए गए थे, पुलिस की अपराध टीम ने बैंकों से संपर्क करके उसकी सूची हासिल कर ली और उस ब्रांच का भी पता कर लिया, जहां पैसे को ट्रांसफर किया गया था. कॉल डिटेल्स और दूसरे स्रोतों से साइबर ठगों के पीछे लगी पुलिस को पता चला कि सिलीगुड़ी से इस ठगी के खेल का संचालन किया जा रहा था. उसके बाद बैरकपुर की साइबर क्राइम टीम ने सिलीगुड़ी पुलिस से संपर्क स्थापित किया. सिलीगुड़ी पुलिस ने बैरकपुर की साइबर क्राइम टीम की पूरी मदद की. अंततः पता चल गया कि भक्ति नगर थाना के अंतर्गत कनकटा मोड़ स्थित एक बिल्डिंग से इस खेल को अंजाम दिया जा रहा था.
सिलीगुड़ी पुलिस से मिली जानकारी के बाद बैरकपुर की साइबर अपराध टीम सिलीगुड़ी पहुंची और सिलीगुड़ी पुलिस की मदद से इन सभी साइबर अपराधियों को धर दबोचा. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए सभी अपराधी लोगों के बैंक खाता किराए पर लेकर हेरा फेरी कर रहे थे. कनकटा मोड़ स्थित बिल्डिंग के फ्लैट में छापे के दौरान पुलिस को उनके पास से काफी संख्या में बैंक पासबुक, एटीएम और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं.
यह भी जानकारी मिली है कि इन सभी आरोपियों का एक गिरोह था. जो विद्यार्थियों और महिलाओं के बैंक खाते 10 से 15 हजार रुपए मासिक किराए पर लेता था और उन खातों से यह लोग करोड़ों रुपए का लेनदेन करते थे. सिलीगुड़ी में पहले भी इस तरह का कांड हो चुका है. सवाल यह है कि अपना बैंक खाता और एटीएम चंद रूपयों के लालच में किसी को देकर लोग यह क्यों भूल जाते हैं कि वह भी अपराधियों के अपराध में मददगार हैं. सबसे पहले ऐसे लोगों को सजग करने की जरूरत है. अपराध करने वाला तो दोषी है ही. इस अपराध को प्रोत्साहित करने वाला उससे भी बड़ा दोषी है. देर सवेर बैरकपुर पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है जो अपना आधार कार्ड बैंक पासबुक एटीएम कार्ड आदि किसी अनजान व्यक्ति को किराए पर देते हैं