6 दिसंबर को बंगाल में क्या होने वाला है? बंगाल के लोग यह जानना चाहते हैं. फिलहाल बंगाल एस आई आर को लेकर देश भर की सुर्खियों में है. एस आई आर मुद्दे को लेकर राज्य सरकार और चुनाव आयोग में ठन चुकी है, तो अब इससे अलग टीएमसी और भाजपा के दो अलग-अलग नेताओं की बयान बाजी ने राज्य में राजनीतिक तूफान उठने का संकेत दे दिया है.
तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने घोषणा कर रखी है कि 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए आधारशिला रखी जाएगी. इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी के नेता शंखवाह सरकार ने भी ऐलान कर दिया है कि 6 दिसंबर को ही मुर्शिदाबाद में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा. दोनों नेताओं के इस बयान ने न केवल राज्य में ही बल्कि पूरे देश में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है.
उधर 7 दिसंबर को कोलकाता में ब्रिगेड मैदान में लगभग 5 लाख लोग एक साथ गीता श्लोक का पाठ करेंगे. यह अपनी तरह का एक अलग धार्मिक कार्यक्रम है, जिसमें देश भर से कई नामचीन साधु संत शामिल होने वाले हैं. योग गुरु बाबा रामदेव, बाबा बागेश्वर समेत महान साधु संतों का यहां जमावड़ा होने वाला है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी निमंत्रित किया गया है.
लेकिन बंगाल में सबसे ज्यादा चर्चा बाबरी मस्जिद और श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर हो रही है. दोनों धार्मिक स्थल का शिलान्यास एक ही दिन होने वाला है. 2026 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व ही धर्म के नाम पर जो बवाल शुरू हुआ है, उससे यह संकेत मिलता है कि 2026 विधानसभा चुनाव की दशा और दिशा क्या होगी! स्पष्ट है कि यहां हिंदू बनाम मुस्लिम की सियासत शुरू हो गई है, जो आने वाले समय में और तेज होती जाएगी.
देखा जाए तो इसकी शुरुआत टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने की है. उन्होंने कुछ समय पहले अपने एक बयान में कहा था कि 6 दिसंबर को वह मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद का निर्माण 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा. उनके इस बयान के बाद ही राजनीति शुरू हो गई है. भाजपा नेता शंखवाह सरकार ने नहले पर दहला जोड़ते हुए कहा कि 6 दिसंबर को ही वे मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे.
भाजपा को मस्जिद निर्माण से कोई परहेज नहीं है. भाजपा का सिर्फ इतना कहना है कि हुमायूं कबीर बाबरी मस्जिद का निर्माण न करके सिर्फ मस्जिद का निर्माण करें. यानी मस्जिद बाबरी के नाम पर नहीं होनी चाहिए. हालांकि यह चर्चा शुरू हो गई है कि शंखवाह सरकार का ऐलान हुमायूं कबीर के बयान की प्रतिक्रिया स्वरुप है. परंतु शंखवाह सरकार ऐसा नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने 1 साल पहले ही बरहमपुर में राम मंदिर बनाने की बात कही थी.
भाजपा नेता कहते हैं कि टीएमसी बाबरी मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदू मुस्लिम को बांटने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद का नाम लेना सही नहीं है. इस तरह से दोनों राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान ने बंगाल की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है. सोशल मीडिया से लेकर प्रचार के सभी प्लेटफार्म पर मुर्शिदाबाद सुर्खियों में है. लोग जानना चाहते हैं कि 6 दिसंबर को बंगाल में क्या होने वाला है? क्या बाबरी मस्जिद की नींव रखी जाएगी अथवा क्या श्री राम मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी? क्या होगा 6 दिसंबर को?
