सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में 15 दिनों में 2 स्कूली बच्चियों के अपहरण और हत्या की घटनाओं ने अभिभावकों के समक्ष यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि लड़कियों के लिए स्कूल कितने सुरक्षित रह गए हैं. सिलीगुड़ी में आपराधिक घटनाओं की तेजी के बीच स्कूली लड़कियों के अगवा होने और हत्या के मामलों ने विद्यालय प्रबंधन को भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. मंगलवार की घटना ने तो यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या निजी स्कूलों में भी बालिकाएं सुरक्षित हैं?
ताजा मामला सिलीगुड़ी के नजदीक गोसाईपुर स्थित एक निजी स्कूल से जुड़ा है. स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी. बच्चे स्कूल से निकलकर घर जा रहे थे. इसी स्कूल में 12 वर्षीया अंकिता (काल्पनिक नाम) भी पढ़ती थी. अंकिता का घर बागडोगरा के रेलवे कॉलोनी में था. वह अपने सहपाठियों के साथ नियमित रूप से रिक्शे में स्कूल आती जाती थी. मंगलवार की शाम 4:00 बजे स्कूल की छुट्टी होने के बाद अंकिता अपना थैला संभाले रिक्शा लेने के लिए आगे बढ़ी, तभी रास्ते में ही दो युवक अपने चेहरे पर रुमाल बांधे अंकिता के पास पहुंच गए और उसे बेहोशी की कोई दवा सुंघाकर अपहरण करके ले गए.
जब अंकिता को होश आया तो वह एक कमरे में थी. स्थिति का अंदाजा करके अचानक अंकिता चीखने चिल्लाने लगी. इस पर कमरे में दो युवक आए और अंकिता को हथियार के बल पर चुप रहने के लिए धमकाने लगे. उस समय तो अंकिता चुप रह गई. लेकिन बाद में युवकों के वहां से चले जाने के बाद उसने किसी तरह स्वयं को उस कमरे से बाहर निकाला और भागकर एक साहूकार की दुकान पर पहुंच गई. उसने साहूकार को रोते हुए अपनी आप बीती सुना दी.
धीरे-धीरे वहां भारी संख्या में लोग जुट गए. एक अजीब सी सनसनी फैल गई. लोगों ने बागडोगरा थाने की पुलिस को सूचित कर दिया. कुछ देर में पुलिस वहां पहुंची और छात्रा को अपने कब्जे में कर लिया. बागडोगरा पुलिस ने अंकिता के अपहरण का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. इससे पहले इसी मामले की तर्ज पर एक और मामला घटित हो चुका है. सिलीगुड़ी के एक स्कूल की लगभग 12 वर्षीय बच्ची का अपहरण करके उसकी हत्या कर दी गई थी.
यह घटना 5 दिसंबर की है, जब सिलीगुड़ी के प्रधान नगर थाना अंतर्गत दक्षिण पलाश इलाके की एक छात्रा का अपहरण कर लिया गया था. उक्त छात्रा स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी. लेकिन शाम तक घर नहीं लौटी. 8 दिन के बाद उक्त छात्रा का सुकना चाय बागान इलाके से क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था. छात्रा के अपहरण और हत्या के मामले में उसके रिश्ते के जीजा और पड़ोस के दामाद मनोज राय को आरोपी बनाया गया था. घटना के 15 दिन बीत गए. लेकिन आज भी आरोपी मनोज राय गिरफ्तार नहीं हो सका है.
अब प्रधान नगर थाना की टीम आरोपी मनोज राय को गिरफ्तार करने के लिए आंध्र प्रदेश पहुंच गई है. क्योंकि आंध्र प्रदेश में उसके छिपे होने की जानकारी सामने आई है. यह दो घटनाएं ऐसी हैं जिन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता. सिलीगुड़ी के चाहे सरकारी स्कूल हो अथवा निजी स्कूल, कम से कम लड़कियों की सुरक्षा के मामले में कहीं ना कहीं कोताही बरत रहे हैं. निजी स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों को इसलिए भेजते हैं क्योंकि वहां का अनुशासन, सुरक्षा और पढ़ाई सबसे बेहतर रहती है. लेकिन इन घटनाओं ने कहीं ना कहीं अभिभावकों को भी दहला दिया है. अभिभावक समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार कौन है, स्कूल, सिलीगुड़ी प्रशासन, सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस या फिर अपराधियों पर कानून का खत्म होता खौफ?