इस समय न्यूज़ चैनल्स, सोशल मीडिया और अखबारों में कोरोना को लेकर एक खबर डरा रही है कि जनवरी 2023 में कोरोना का भारत में प्रकोप हो सकता है. कोरोना के इतिहास और लोगों के अनुभव को देखते हुए ऐसी खबर निश्चित रूप से किसी को भी डरा सकती है. अगर यह बात केवल सोशल मीडिया तक सीमित रहती, तब तो समझा जा सकता था कि यह एक फेक न्यूज़ हो सकती है, परंतु इस खबर की पुष्टि भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी कर रहे हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जनवरी महीना कोरोना के लिए काफी अहम है. भारत सरकार के एक आंकड़े से भी पता चलता है कि आने वाले समय में खतरा बढ़ सकता है. भारत आए 6000 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोविड जांच में 39 यात्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भारत के लोगों को सावधान रहने के लिए कहा है. भारत सरकार भी कुछ ऐसा ही मान कर कोविड के संभावित खतरे से निपटने की तैयारी में जुट गई है.
भारत सरकार अगले सप्ताह से चीन समेत 6 देशों से आने वाले यात्रियों के लिए नेगेटिव rt-pcr रिपोर्ट अनिवार्य कर सकती है. इधर पश्चिम बंगाल में बुधवार को कोलकाता में मुख्य सचिव एच के द्विवेदी ने कोरोना को लेकर आ रही डरावनी खबर के बीच स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की है.इसमें राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को बेड तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों को दिशा निर्देश दे रखा है. मंगलवार को अस्पतालों में मॉक ड्रिल भी किया गया.
पश्चिम बंगाल के लिए एच के द्विवेदी ने 3700 से अधिक बेडो की संख्या बढ़ाने के लिए कहा है. सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलज अस्पताल द्वारा कोविड रोगियों के लिए अस्पताल में बेड बढ़ाया जा रहा है. बंगाल के लिए चिंता की बात यह है कि अभी तक यहां बूस्टर डोज लेने वालों का प्रतिशत मात्र 26 है. इसलिए मुख्य सचिव ने कोरोना टेस्ट के अलावा अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर सुनिश्चित करने, किट उपलब्ध कराने तथा राज्य में विदेशों से आने वाले हवाई यात्रियों की निगरानी बढाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हालांकि यह मानता जरूर है कि जनवरी में कोविड के मामलों में भारी उछाल आ सकता है. परंतु लोगों को ज्यादा डरने की भी जरूरत नहीं है. क्योंकि संक्रमित व्यक्तियों के अस्पतालों में भर्ती होने की संख्या बहुत कम होगी. मौत के मामले भी कम आएंगे. इस समय विश्व के कई देशों में कोरोना के मामलों में भारी उछाल देखा जा रहा है. उनमें चीन के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग ,थाईलड और सिंगापुर शामिल हैं.
केंद्र सरकार वहां से आने वाले हवाई यात्रियों को 72 घंटे पहले का आरटी पीसीआर टेस्ट अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय उड़ान में आने वाले यात्रियों में से केवल 2% की बिना किसी क्रम के कोरोना वायरस जांच को अनिवार्य कर दिया गया है.