सिलीगुड़ी में दिसंबर के आखिरी हफ्ते में ठंड के बढ़ते असर तथा मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणी कि जनवरी 10 तक कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है, के बाद लोगों को यही लग रहा था कि ठंड का सितम अभी जारी रहेगा. परंतु नए साल के पहले दिन से ही दिन के तापमान में वृद्धि और सिक्किम मौसम विभाग की एक और भविष्यवाणी ने लोगों को चकित करके रख दिया है. इसके साथ ही कुछ सवाल भी उठ खड़े हुए हैं.
सिक्किम मौसम विभाग की भविष्यवाणी में कहा गया है कि 2023 जनवरी के पहले हफ्ते में लोगों को ज्यादा ठंड का असर नहीं होगा. उत्तरी सिक्किम में ऊंची पहाड़ियों में हिमपात के बावजूद सिक्किम के बाकी हिस्सों में लोगों ने ज्यादा ठंड का असर महसूस नहीं किया. और ना ही दार्जिलिंग तथा आसपास के पहाड़ी इलाकों में भी ठंड का ज्यादा असर देखा जा रहा है. सिलीगुड़ी में तो इस साल के पहले दिन से ही दिन के तापमान में वृद्धि देखी जा रही है.
सिक्किम मौसम विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि अगले रविवार से दिन के तापमान में वृद्धि हो सकती है. सिलीगुड़ी शहर में दिन के तापमान में वृद्धि देखी गई. पिछले 2 दिनों से सिलीगुड़ी का दिन का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया जबकि रात में सिलीगुड़ी का तापमान 13 डिग्री सेल्सियस देखा जा रहा है. दार्जिलिंग पहाड़ और सिलीगुड़ी समतल के कई इलाकों में शाम के समय हल्का कोहरा भी देखा जा रहा है.
सिलीगुड़ी के साथ-साथ जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर ,दक्षिण दिनाजपुर ,मालदा आदि जिलों में भी दिन के तापमान में वृद्धि देखी जा रही है. यहां भी ठंड का असर कम हो गया है. अगर पूरे बंगाल की बात करें तो पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में दिन का न्यूनतम तापमान 16.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री अधिक है. कोलकाता के अलावा हावड़ा, हुगली ,उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर ,पुरुलिया, बांकुरा आदि जिलों में भी ठंड का असर कम हो गया है.यहां दिन के तापमान में वृद्धि दर्ज की गई.
ऐसे में सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या ठंड का अवसान हो रहा है? कुछ लोग यह भी कह सकते हैं कि जब यहां ठंड शुरू भी नहीं हुई तो ठंड का अवसान कैसा? जिस तरह से सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल का मौसम बदल रहा है,उसे देखते हुए कई प्रश्न उठ खड़े हुए हैं. अभी तक हमने पढ़ा है कि साल में मुख्य रूप से तीन ऋतुएं होती हैं.सर्दी, गर्मी और बरसात.प्रत्येक ऋतु चार चार महीने की होती है. हमारे यहां नवंबर से ठंड शुरू हो जाती है जो फरवरी तक जारी रहती है. लेकिन यहां ठंड का असर दिसंबर उत्तरार्ध और जनवरी तक बना रहता है.
सिलीगुड़ी में जिस तरह से नवंबर महीने में ठंड ने दस्तक दी थी, उसके बाद यह अनुमान लगाया गया था कि इस बार कड़ाके की ठंड पड़ सकती है. परंतु यह अनुमान अब तक के मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार गलत साबित होने जा रहा है. सिलीगुड़ी में दिसंबर के आखिरी हफ्ते को छोड़कर ठंड का असर लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है.
मौसम वैज्ञानिकों तथा जानकारों के अनुसार यह स्थिति काफी खतरनाक है. अगर सर्दियों में सर्दी नहीं पड़ेगी तो इसका असर प्रकृति, जलवायु और जीवन संतुलन पर पड़ता है. पारिस्थितिक असंतुलन बढ़ने से मनुष्य और जीवो को विभिन्न कठिनाइयों तथा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. सीधे-सीधे यह कहा जा सकता है कि मौसम में यह बदलाव ग्लोबल वार्मिंग के कारण ही है जो अब लोगों को महसूस हो रहा है.
ग्लोबल वार्मिंग मनुष्य की मानवीय कमजोरियों के कारण है, जिसे अब वैज्ञानिकों ने भी मान लिया है. ऐसे में भारत और दुनिया के देशों को अब ग्लोबल वार्मिंग से दुनिया को बचाने के लिए एक गंभीर प्रयास करने की जरूरत है. अगर दुनिया के देश ग्लोबल वार्मिंग के समाधान की दिशा में कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे तो आने वाला समय धरती के जीव-जंतुओं और वनस्पति के जीवन के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करेगा. इसकी झलक मिलने लगी है. अब समय आ गया है कि मनुष्य चेत जाए. अन्यथा तबाही को कोई नहीं टाल सकता.