इस बार के बजट में रेलवे के क्षेत्र में पश्चिम बंगाल मालामाल है. केंद्र ने जी खोलकर पश्चिम बंगाल को धन आवंटित किया है. इस बार बंगाल के रेलवे विकास पर 3 गुना ज्यादा फंड आवंटित किया गया है, जिससे पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन समेत 93 स्टेशनों के पुनर्विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
दार्जिलिंग से हाइड्रोजन ट्रेन शुरू किए जाने के संकेत मिल रहे हैं. परंतु भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन दार्जिलिंग से शुरू होगी. इसकी संभावना कम है. इस बार केंद्रीय रेल बजट में पश्चिम बंगाल को सबसे ज्यादा राशि मिली है. बंगाल को 11970 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है.इससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि न्यू जलपाईगुड़ी वर्ल्ड क्लास स्टेशन के साथ ही सेवक रंगपो रेल परियोजना के कार्यों में काफी तेजी आएगी. युद्ध स्तर पर रेलवे के सारे कार्य पूरे होंगे.
इस बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक नई जानकारी दी है. इसके अनुसार बंदे भारत के बाद अब हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण भारत में किया जाएगा. इसी साल भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन चल सकती है. रेल मंत्री के अनुसार दिसंबर 2023 तक हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत हो सकती है.
लेकिन भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन दार्जिलिंग से शुरू होगी, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है. रेल मंत्री ने संकेत जरूर दिया है कि हेरीटेज सर्किट पर ही हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कालका शिमला हेरिटेज सर्किट पर हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत हो सकती है. अगर पश्चिम बंगाल में हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत होगी तो सर्वप्रथम दार्जिलिंग से ही इसकी शुरुआत होगी. क्योंकि दार्जिलिंग स्वयं हरा भरा क्षेत्र है.
ऐसी जानकारी मिली है कि हाइड्रोजन ट्रेन का परीक्षण जल्द ही किया जाएगा. यह सोनीपत अथवा हरियाणा के किसी क्षेत्र में हो सकता है. रेल मंत्री ने कहा है कि वंदे भारत के बाद पश्चिम बंगाल में वंदे मेट्रो ट्रेन पर भी काम शुरू होगा. बहर हाल यह देखना होगा कि दार्जिलिंग में हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत कब होती है! निश्चित रूप से यह बंगाल और दार्जिलिंग का गौरव होगा!