आखिरकार जिस बात का डर था, वही हुआ. राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई. इसके साथ ही कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. क्या राहुल गांधी 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव लड़ सकेंगे? राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने मानहानि मामले में 2 साल की सजा सुनाई है. हालांकि वे जमानत पर रिहा हो चुके हैं. परंतु आज लोकसभा सचिवालय ने उन्हें संसद सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया.
लोकसभा सचिवालय की ओर से कहा गया है कि 23 मार्च 2023 से राहुल गांधी संसद के सदस्य नहीं है. यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 102 (1) e के प्रावधानों तथा जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 के तहत लिया गया है.
राहुल गांधी कांग्रेस के नेता और केरल के वायनाड से सांसद हैं. उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है… इस पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी. राहुल गांधी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था. उनके वकील ने कहा था कि राहुल ने बयान देते वक्त गलत मंशा नहीं रखी थी. उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी. राहुल गांधी पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था. कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.
राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सिलीगुड़ी में भी कांग्रेस की ओर से इस पर चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि कांग्रेस के बड़े नेताओं के बयान अभी सामने नहीं आए हैं, परंतु सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस चुपचाप नहीं रहने वाली है. 1 दिन पहले युवा कांग्रेस की ओर से स्थानीय वेनस मोड पर प्रदर्शन किया गया था. कोर्ट का फैसला आने के बाद युवा कांग्रेस ने रोहित तिवारी के नेतृत्व में सिलीगुड़ी के सफदर हाशमी चौक पर धरना दिया और जमकर प्रदर्शन किया था. अब राहुल गांधी की संसद सदस्यता छिने जाने के बाद कांग्रेस क्या करेगी, यह देखना होगा.
इस बीच सिलीगुड़ी नगर निगम कार्यालय में बजट पर चर्चा के क्रम में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव का ध्यान राहुल गांधी की संसद सदस्यता छिने जाने के मुद्दे पर आकर्षित किया गया तो उन्होंने बेहद ही सधे ढंग से जवाब दिया और कहा कि इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए तृणमूल कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता कोलकाता में बैठे हैं. वही इस पर अपना बयान देंगे. उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे भाजपा का चरित्र समझ में नहीं आ रहा है!