8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए विभिन्न दलों की ओर से तृणमूल सरकार पर पहले विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन में बाधा डालने और उन्हें पीटने के बाद अब सरकारी कर्मचारियों पर नामांकन पत्रों में छेड़छाड़ का आरोप लगा है. भाजपा, माकपा और कांग्रेस के जिन उम्मीदवारों ने अब तक नामांकन दाखिल किया है,उनके दस्तावेजों से छेड़छाड़ के आरोप लगाए जा रहे हैं. कोलकाता हाईकोर्ट ने इस घटना की सीबीआई से जांच का आदेश दे दिया है.
उधर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और ममता सरकार के बीच ठन चुकी है. ममता बनर्जी की सरकार राज्यपाल को उनके अधिकारों तक सीमित रहने की बात कह रही है, तो दूसरी ओर राज्यपाल ने राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त का नियुक्ति पत्र ठुकरा कर राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.
राज्य में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान कराना राज्य चुनाव आयोग की जिम्मेवारी है. परंतु यहां चुनाव घोषणा के बाद से ही राज्य भर से हिंसा की खबरें सामने आ रही है. इसे देखते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने समन भेजकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को चर्चा के लिए बुलाया था. परंतु राजीव सिन्हा नहीं आए.इसके बाद राज्यपाल आनंद बोस ने राजीव सिन्हा का नियुक्ति पत्र स्वीकार करने से इंकार कर दिया और इसे वापस राज्य सचिवालय भेज दिया है.
इस घटना के बाद ममता बनर्जी की सरकार राज्यपाल पर हमलावर हो चुकी है. तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल के इस कदम को असंवैधानिक और अनैतिक करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को अब कोलकाता हाईकोर्ट की भी फटकार मिल चुकी है. हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयुक्त को आदेश दिया है कि 24 घंटे में 82 हजार केंद्रीय बलों को राज्य में तैनात किया जाए.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को फटकार लगाते हुए कहा है कि अगर वह जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रहे हैं तो अपने पद से इस्तीफा दे दें. पंचायत चुनाव के मद्देनजर एक पर एक अदालती फटकार के बाद राज्य सरकार भी किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में आ चुकी है. तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा समेत तमाम विपक्षी पार्टियां मोर्चा खुल चुकी है.
उधर मुर्शिदाबाद में कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन पत्र से छेड़छाड़ के खिलाफ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी धरने पर थे. हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश के बाद उन्होंने धरना खत्म कर दिया है. अधीर रंजन चौधरी ने स्थानीय बीडीओ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कांग्रेसी उम्मीदवार के नामांकन पत्र से छेड़छाड़ की है और जानबूझकर उनका नामांकन रद्द करने की कोशिश हो रही थी. मंगलवार शाम को वे धरने पर बैठे थे और बुधवार को कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया.
इस बीच राज्य में चुनावी हिंसा में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है.चुनावी हिंसा में दक्षिण 24 परगना जिले के भांगढ़ में सबसे ज्यादा तीन लोगों की मौत हुई थी.