November 23, 2024
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chandrayaan-3 का सफल प्रक्षेपण कर भारत ने रचा इतिहास!

आखिरकार भारत ने chandrayaan-3 का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच ही दिया. भारतीय वैज्ञानिकों ने लगभग 4 साल बाद यह कारनामा कर दिखाया है. आज की सफलता के साथ भारत चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन गया है. प्रत्येक भारतीय के लिए आज का दिन गौरवशाली दिन है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस समय वह फ्रांस के दौरे पर हैं. उन्होंने ट्वीट करके भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई दी है और कहा है कि यह हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. उन्होंने लिखा है कि chandrayaan-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है. यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं की ऊंची उड़ान है.यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं.

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से आज दोपहर 2:35 पर chandrayaan-3 को लांच किया गया. पहले पृथ्वी के अक्ष और उसके बाद चंद्रमा के अक्ष में चक्कर लगाते हुए आज से लगभग 41 दिन बाद chandrayaan-3 की चांद की सतह पर 24 से 25 अगस्त के बीच लैंडिंग होने का अनुमान लगाया गया है.

इसके जरिए वैज्ञानिकों का लक्ष्य भारत की विभिन्न क्षमताओं का प्रदर्शन करना है. जिसमें चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचना, लैंडर का उपयोग करके चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना और चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए लैंडर से बाहर निकलने वाला एक रोवर शामिल है. इस बार chandrayaan-3 को एलवीएम 3 रॉकेट ने जिस orbit में छोड़ा है, वह 170 ×36, 500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफार्मर ऑर्बिट है.

पिछली बार chandrayaan-2 के समय 45575 किलोमीटर की कक्षा में भेजा गया था. इस बार यह कक्षा इसलिए चुनी गई है, ताकि chandrayaan-3 को ज्यादा स्थिरता प्रदान की जा सके. चंद्रमा की ओर भेजने से पहले chandrayaan-3 को धरती के चारों तरफ कम से कम 5 चक्कर लगाने होंगे. हर चक्कर पहले वाले चक्कर से ज्यादा बड़ा होगा. ऐसा इंजन को ऑन करके किया जाएगा. 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान 3 जाएगा.

Chandrayaan-3 चंद्रमा की 100 × 100 किलोमीटर की कक्षा में जाएगा. इसके बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएंगे. 23 अगस्त को गति धीमी होने का कमांड दिया जाएगा. इसके बाद chandrayaan-3 चंद्रमा की सतह पर उतरना शुरू करेगा. विक्रम लैंडर के इंजन पिछली बार से ज्यादा ताकतवर हैं. पिछली बार जो गलतियां हुई थी उसमें सबसे बड़ी वजह में से एक था कैमरा, जो आखिरी चरण में एक्टिव हुआ था. इसलिए इस बार उसे भी सुधारा गया है.

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