केंद्र सरकार बनाम पश्चिम बंगाल सरकार की लड़ाई का अंत कब होगा, यह किसी को पता नहीं. परंतु इतना तो तय है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले दोनों सरकारों के बीच की खाई लगातार चौड़ी होती जाएगी. इसका संकेत मुख्यमंत्री की इस घोषणा से मिल गया जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना तथा मनरेगा की तर्ज पर क्रमशः बांग्लार बाड़ी योजना तथा खेला होबे को लागू करने की बात की है.
केंद्र सरकार की कई योजनाएं सभी राज्यों में चल रही है. इनमें मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना इत्यादि प्रमुख योजनाएं हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर आरोप लगाती रही है कि केंद्र ने उनके 100 दिन काम का पैसा रोक रखा है. जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना भी अधर में है. प्रधानमंत्री आवास योजना के संदर्भ में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद केंद्र सरकार ने बंगाल में इस योजना को लागू करने पर रोक लगा दी थी. और फंड भी रोक दिया था.
ममता बनर्जी नहीं चाहती कि उनकी सरकार राज्य में विकास कार्यों के लिए केंद्र पर निर्भर बन कर रहे. इसलिए उन्होंने अब ऐलान कर दिया है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की तर्ज पर मनरेगा और आवास योजना का क्रियान्वयन अपने दम पर करेगी. उन्होंने मनरेगा की जगह खेला होबे योजना का नाम दिया है. जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर बंगलार बाड़ी योजना की घोषणा की है.
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना की तर्ज पर राज्य में स्वास्थ्य साथी कार्ड जारी कर चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल को फ॔ड देना बंद कर दिया है. इसलिए राज्य सरकार अपने दम पर मनरेगा के जॉब कार्ड धारकों को रोजगार का अवसर प्रदान करेगी. उन्होंने खेला होबे नाम से योजना को लांच करने की बात कही है. इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार प्रदान किया जाएगा.
पश्चिम बंगाल में मनरेगा योजना के तहत सबसे अधिक रोजगार दिया जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि खेला होबे योजना के तहत कम से कम 2 महीने का रोजगार कार्ड धारकों को दिया जाएगा.मुख्यमंत्री के अनुसार राज्य सरकार का केंद्र पर 7000 करोड़ रुपए बकाया है. केंद्र सरकार ने आवास योजना के तहत पश्चिम बंगाल में 11 लाख से अधिक घर बनाने की मंजूरी दी थी. लेकिन बाद में फंड देने से मना कर दिया.
मुख्यमंत्री ने एकला चलो की तर्ज पर प्रधानमंत्री आवास योजना के रूप में बांग्लार बाडी योजना शुरू करने की बात कही है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार इस योजना के तहत अपने दम पर ग्रामीण क्षेत्रों में पक्के आवास का निर्माण करेगी.उन्होंने कहा कि इसके लिए फंड की व्यवस्था कर ली गई है और इसी वित्तीय वर्ष में 11 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा.