भारत के प्रति सिक्किम का प्रेम छलकता है. सिक्किम के लोग तथा सिक्किम की सरकार हमेशा से ही भारत के विकास, सुरक्षा और नव निर्माण में योगदान देती आई है. अपनी स्थापना के समय से ही सिक्किम का भारत प्रेम कई अवसरों पर प्रमाणित होता आया है.
सिक्किम सैनिकों का हमेशा से ही सम्मान करता रहा है. देश पर जान छिड़कने वाले भारतीय सैनिकों के कारण ही भारत की एकता और अखंडता अटूट है.आपदा के समय अथवा विषम स्थितियों में भारतीय सेना भारत की रक्षा और अखंडता के लिए अपनी जान कुर्बान करने से पीछे नहीं रहती है. समय-समय पर सिक्किम सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके परिवार के कल्याण के लिए अनेक योगदान दिए हैं.
पिछले दिनों सिक्किम की तमांग सरकार ने सिक्किम में सैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना, पूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों को रेफरल उपचार में सहायता के लिए ₹10 लाख का वार्षिक अनुदान की घोषणा की. सिक्किम के मुख्यमंत्री ने चिंतन भवन में आयोजित सिक्किम वीर गोरखा पूर्व सैनिक कल्याण संघ द्वारा आयोजित पूर्व सैनिक मिलन कार्यक्रम में एक भाषण के दौरान यह घोषणा की.
सिक्किम के पूर्व सैनिक युद्ध स्मारक, उनके बच्चों की पढ़ाई में आरक्षण, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, सिंगताम बाजार में मेमोरियल पार्क की स्थापना, एसोसिएशन के लिए स्थाई स्थान का आवंटन और नामची में सैनिक भवन की मांग करते रहे हैं. मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया.
सिक्किम की राष्ट्रभक्ति देखकर युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में सेना में जाने के बारे में सोचना चाहिए. सिक्किम के लोग भी चाहते हैं. सिक्किम के मुख्यमंत्री ने कहा कि सिक्किम में निवास करने वाले एक एक घर से एक एक सदस्य भारतीय सेना में जाए तो देश के प्रति सिक्किम का एक बड़ा योगदान होगा. मुख्यमंत्री ने सिक्किम के युवाओं का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान पूर्व सैनिकों ने जिस तरह से सिक्किम और देश के विभिन्न भागों में लोक कल्याण और जानमाल सुरक्षा के कार्य किए, उसका मूल्य नहीं चुकाया जा सकता.
सिक्किम पहला ऐसा राज्य है जहां राष्ट्र संस्कृति ,उत्सव और त्योहारों को अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है. भारतीय संस्कृति के उत्थान में योगदान देने वाले अग्रणी सिक्किम के मुख्यमंत्री ने सिक्किम की परंपरा का अनुसरण करते हुए हर भारतीय त्यौहार को धूमधाम से मनाने का व्रत लिया है. सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने 18 सितंबर को पूरे राज्य में हरितालिका तीज महोत्सव का समारोह पूर्वक आयोजन करने की घोषणा की है.
आपको बताते चलें कि सिक्किम में स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती को एक त्यौहार के रूप में हमेशा से ही मनाया जाता रहा है. यह कुछ उदाहरण है जो यह प्रमाणित करते हैं कि सिक्किम हमेशा से ही भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक, सैनिक और आर्थिक विकास में योगदान देता आया है.