क्या हम और आप अपने घर में सेवन करने वाली दाल के रूप में यूरिक एसिड शरीर में बढ़ा रहे हैं? जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है. इंटरनेट पर ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स उपलब्ध हैं जो घरों में पकने वाली दाल के खिलाफ लोगों को आगाह करते हैं. इनमें दावा किया गया है कि ऐसी दाल खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है. आज सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल हो रहा है.
वायरल दावे में कहा जा रहा है कि दाल उबलते समय ऊपर जमा होने वाली झाग की परत को हटाना बेहद जरूरी है अन्यथा इससे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है. इससे जोड़ों और घुटनों में दर्द होता है. सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हो रहा है. जिन लोगों ने ऐसी खबर देखी है, उनकी चिंता और परेशानी बढ़ गई है. सिलीगुड़ी में कई लोगों ने इस वायरल रिपोर्ट को देखने के बाद खबर समय को फोन किया और सच्चाई जाननी चाही.
खबर समय ने दाल के झाग के नुकसान के संबंध में विशेषज्ञों से बात की. लेकिन किसी ने भी यह नहीं कहा कि झाग से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है. पहले के जमाने में दाल लकड़ी के चूल्हे पर बनाई जाती थी. इसलिए दाल पकाते समय दाल के ऊपर के झाग को देखा जा सकता था. उस जमाने में खाना पकाने वाली महिलाएं सुनी सुनाई बातों में आकर झाग को हटा देती थी.
परंतु वर्तमान में कुकर पर दाल पकाई जाने लगी है. ऐसे में झाग दाल के साथ ही मिल जाता है. अगर झाग नुकसानदेह है और इस से यूरिक एसिड बढ़ती है तो सभी के लिए यह परेशानी की बात है. इसलिए खबर समय ने सच्चाई का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों से संपर्क किया.
सिलीगुड़ी के जाने-माने विद्वान लोगों और विशेषज्ञों ने ऐसी खबर को मनगढ़ंत बताया और कहा कि दाल उबालते समय जो झाग बनता है, वास्तव में वह सैपोनिन नामक पदार्थ के कारण होता है. वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि सैपोनिन नुकसानदेह नहीं बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह सूजन विरोधी और कैंसर रोधी जैसे गुण रखता है.
कुछ समय पहले तक जब विज्ञान का इतना विकास नहीं हुआ था तो इसे हानिकारक समझा जाता था. परंतु अब वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि यह हानिकारक नहीं बल्कि फायदेमंद है.वैज्ञानिकों का दावा है कि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है तथा कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों की संभावना को कम करता है. इसलिए इस वायरल खबर में कोई सच्चाई नहीं है.
दाल हमारे स्वास्थ्य की रक्षा और विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट ,प्रोटीन तथा फाईबर की आपूर्ति के लिए जरूरी आहार है. इसलिए दाल को जैसे पकाना चाहे, पका कर खाएं. सोशल मीडिया पर वायरल खबर पर ध्यान ना दें. एक अध्ययन से पता चला है कि दाल को पकाने से पहले जिस पानी में उसे भिगोया जाता है, उसे फेंकने पर दाल में सैपोनिन की मात्रा कम हो जाती है. इसलिए जिस पानी में आप दाल को भिगोए, उसी पानी का इस्तेमाल पकाने के लिए भी करें.