माटीगाड़ा का चर्चित स्कूल बालिका हत्याकांड की आग अभी बुझी भी नहीं है कि माटीगाड़ा के नजदीक ही स्थित नक्सलबाड़ी में घटी एक और घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है. इस घटना ने बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक पर एक घटी इन घटनाओं ने यह संकेत भी दिया है कि अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है. उन्हें ना तो पुलिस का और ना ही कानून का कोई खौफ है. नक्सलबाड़ी की इस घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश और उत्तेजना व्याप्त है.
यह घटना नक्सलबाड़ी पुलिस थाना के अंतर्गत आजमाबाद चाय बागान की है, जहां कई आदिवासी परिवार रहते हैं. इन्हीं आदिवासी परिवार की एक बेटी के साथ दुराचार की घटना घटी है. जिस नाबालिक लड़की के साथ दुराचार हुआ है, वह अपने माता-पिता के साथ यहां एक किराए के मकान में रहती थी. 28 अगस्त को पीड़िता शाम लगभग 7:30 बजे अपने घर से निकल कर किसी सहेली के घर जा रही थी. लेकिन उसे यह पता नहीं था कि कोई चुपके से उसका पीछा कर रहा है.
जैसे ही बालिका सुनसान तथा अंधेरे में डूबे रास्ते से गुजर रही थी, उसी समय उसका पीछा कर रहे एक व्यक्ति ने पीछे से उसका मुंह ढक दिया. इससे पहले कि बालिका कुछ समझ पाती, उस व्यक्ति ने बालिका का हाथ पकड़ लिया और उसे जबरदस्ती खींचते हुए नजदीक स्थित झाड़ियों के पीछे ले गया, जहां उसने उसके साथ दुराचार किया.
दुराचारी के कब्जे से छूटने का जी तोड़ प्रयास कर रही पीड़िता ने उसका विरोध करते हुए जोर-जोर से मदद के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया. तब उस व्यक्ति ने उसका मुंह कसकर बंद कर दिया. इससे उसकी आवाज बाहर नहीं जा सकी और हलक में ही दबकर रह गई. इसके बाद उसे व्यक्ति ने उसके साथ मनमानी की और उसे उसी हाल में छोड़कर चला गया. काफी देर तक बालिका रोती चिल्लाती और आंसू बहाती रही लेकिन उसकी मदद के लिए वहां कोई नहीं आया.
बाद में गांव का ही एक लड़का वहां से गुजर रहा था. उसने पीड़िता की चीख और रोने की आवाज सुनी तो वह उस दिशा में मुड़ गया और पीड़िता के पास जा पहुंचा. पीड़िता ने लड़के को सारी बात बता दी. उस लड़के ने बताया कि उसके साथ दुराचार करने वाला गांव का ही एक व्यक्ति है. उसका नाम चंदन कर्मकार है. उक्त लड़के की मदद से पीड़िता घर लौटी और अपने परिजनों को सारी बात कह सुनाई.
इसके बाद पीड़ित परिवार के लोग नक्सलबाड़ी पुलिस स्टेशन पहुंचे और ड्यूटी इंचार्ज को मामले की जानकारी दी. नक्सलबाड़ी पुलिस ने पीड़िता के प्रार्थना पत्र के आधार पर दुराचार का मुकदमा आईपीसी की धारा 376 और केस नंबर 188/ 23 के तहत दर्ज किया है.नक्सलबाड़ी पुलिस ने आरोपी चंदन कर्मकार और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
आपको बता दूं कि ऐसे मामलों में दुराचार के केस में और खासकर जब नाबालिग के साथ दुराचार होता है तो आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए पीड़िता का केवल बयान ही पर्याप्त होता है. पुलिस ने इस मामले में ऐसा ही किया है. अब तक यह मामला गर्म हो चुका है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस स्थिति पर नजर रख रही है.
इससे पहले चोपड़ा प्रखंड में कुछ आदिवासियों के घर जला दिए गए थे तथा वहां के जमीन माफिया के द्वारा आदिवासी बस्ती में गोली चलाने तथा कई लोगों को घायल करने के बाद यह मामला और तूल पकड़ चुका है. आदिवासी परिवार इंसाफ की मांग कर रहे हैं. लेकिन उन्हें इंसाफ दिलाने वाला फिलहाल कोई चेहरा नजर नहीं आ रहा है. आदिवासियों को किसी पर भी भरोसा नहीं है. अब देखना है कि नाबालिक दुराचार के इस मामले में पुलिस क्या कार्रवाई करती है.