ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पूर्व जिस तरह से ED और सीबीआई उनके मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के पीछे पड़ चुकी है, ऐसे में उन्हें कहीं ना कहीं यह डर भी सता रहा है कि कहीं लोकसभा चुनाव आते-आते बंगाल में तैयार की गई उनकी जमीन खिसक ना जाए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बात को अच्छी तरह समझती है कि किसी पार्टी नेता, मंत्री, सांसद आदि की गिरफ्तारी से जनता में पार्टी की छवि का क्या संदेश जाता है.
जब से तृणमूल की सरकार सत्ता में है, सीबीआई और ईडी ने तृणमूल नेताओं और मंत्रियों के घोटाले की जांच शुरू कर दी. अब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी के किन वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को सीबीआई और ईडी ने जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया है, उस पर एक नजर डालते हैं. 27 अक्टूबर को राशन वितरण मामले में ज्योति प्रिय मलिक को ED ने गिरफ्तार किया. रात भर छापेमारी चलती रही. देर रात को ज्योति प्रिय मलिक को साल्ट लेक के सीजीओ कंपलेक्स ले जाया गया और उनसे पूछताछ की गई. इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. 2020 में राशन वितरण में भ्रष्टाचार का पहला आरोप लगा था. 2020 से 2022 के बीच नदिया जिले में तीन मामले उनके खिलाफ दर्ज किए गए थे. इसी के आधार पर ED ने जांच शुरू की थी.
23 जुलाई 2022 को पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी के आवास तथा उनके करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर भी छापेमारी की थी और लगभग 50 करोड़ नगद रुपए बरामद किए थे. शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. उनकी गिरफ्तारी के बाद शिक्षा विभाग के कई पूर्व आला अधिकारियों की भी गिरफ्तारी हुई. आज भी पार्थ चटर्जी जेल की सलाखों के पीछे है. 11 अगस्त 2022 को गौ तस्करी के मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अणुव्रत मंडल को गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी की थी. उनकी गिरफ्तारी के बाद उनकी बेटी सुकन्या मंडल को भी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया. उन पर गाय तस्करी और कोयला तस्करी में लिप्त होने का आरोप लगा है .इस समय अनुब्रत मंडल जेल की सलाखों के पीछे दिन काट रहे हैं.
मानिक भट्टाचार्य टीएमसी के विधायक है. नदिया के प्लासिपारा के इस विधायक को शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने टेट में फर्जी उत्तर पुस्तिका जमा कर अयोग्य व्यक्तियों को नौकरी दिलवाई थी. मानिक भट्टाचार्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष थे और पार्थ चटर्जी के अत्यंत करीबी माने जाते थे. वह भी इस समय जेल में है. एक और टीएमसी विधायक जीवन कृष्णा साहा को सीबीआई ने 17 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी भी शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में हुई थी. आरोप है कि उन्होंने कैश के बदले शिक्षक की नौकरी देने का भरोसा दिया था. वे भी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं.
टीएमसी के युवा नेता कुंतल घोष की गिरफ्तारी 21 जनवरी 2023 को हुई थी. उनकी गिरफ्तारी भी शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में ED ने की थी. कुंतल घोष हुगली के TMC के युवा नेता थे.उन पर आरोप लगा कि वह पार्थ चटर्जी के लिए काम करते थे और स्थानीय स्तर पर अयोग्य युवाओं को अनैतिक रूप से शिक्षक की नौकरी देने में मदद करते थे. वह भी जेल में बंद है. शांतनु बनर्जी भी टीएमसी के युवा नेता थे. 11 मार्च 2023 को ED ने उन्हें गिरफ्तार किया था. वे कुंतल घोष के करीबी थे. शांतनु बनर्जी हुगली जिला परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी थे. वह भी जेल हिरासत में है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कई करीबी नेताओं की गिरफ्तारी और जांच अधिकारियों की पूछताछ में कई और नेताओं पर भी गाज गिर सकती है. इस बात की पूरी संभावना है. जाहिर है कि ऐसे में जिन नेताओं पर गाज गिरेगी, वह कहीं ना कहीं टीएमसी के ही नेता होंगे और उनका कनेक्शन किसी न किसी बड़े नेता या मंत्री से होगा. ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बात का डर सता रहा है कि अगर सब कुछ ठीक नहीं रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल और पूरे देश में जो जमीन वह तैयार करने में लगी है, जनता उसे कहीं इंकार न कर दे. क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के पकड़े जाने का मतलब शक की सुई उनकी ओर भी घूमेगी. जैसा कि बीजेपी के नेता अभी से ही मुख्यमंत्री को निशाने पर लेने लगे हैं.