अगर आप घूमने के लिए दार्जिलिंग आते हैं तो यहां के चिड़ियाघर जाना नहीं भूले. जिस तरह से दार्जिलिंग की वादियां, पहाड़ और यहां के लोग पर्यटकों का मन- बहलाव करते हैं, ठीक उसी तरह से दार्जिलिंग का जू भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है. क्योंकि शिमला से कई पक्षी, लाल मुर्गा और जानवर पर्यटकों का मन बहलाव करने के लिए आ गए हैं.
दार्जिलिंग के चिड़ियाघर में हिमालयन गोरल तीन, चीर फीजेंट छह,खालिज फीजेंट चार और लाल जंगली मुर्गा चार लाया गया है. सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र लाल मुर्गा और हिमालयन गोरल है. यह पर्यटकों को काफी पसंद है. यह सभी पक्षी और जंतु शिमला के कुफरी जू से लाये गये है. दार्जिलिंग के चिड़ियाघर से भी कई पक्षी और जंतु कुफरी जू में भेजे गए हैं पर्यटन के हिसाब से यह आदान-प्रदान हुआ है.
कुफरी जू और दार्जिलिंग जू में काफी समानता है. दोनों ही पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित है.कुफरी चिड़ियाघर समुद्र तल से 2720 मीटर ऊंचा जबकि दार्जिलिंग चिड़ियाघर समुद्र तल से 2045 मीटर ऊंचा है. कुछ समय पहले तक दार्जिलिंग चिड़ियाघर में ज्यादा पक्षी और जंतु नहीं थे. लेकिन अब वहां लगभग सभी तरह के जंतु और पक्षी आ चुके हैं. समय-समय पर दोनों ही चिड़िया घरों में वन्य प्राणियों का आदान-प्रदान होता रहा है.
वर्तमान में पक्षियों और जंतुओं के आदान-प्रदान की प्रक्रिया 19 नवंबर से शुरू हुई थी और 26 नवंबर तक दोनों ही चिड़ियाघरों में पक्षियों एवं जंतुओं का आदान-प्रदान पूरा हो गया. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इस पर मुहर लगा दी है. जिन पक्षियों और जंतुओं को यहां लाया गया है, फिलहाल वन विभाग की निगरानी में है.जैसे ही अनुकूलता मिलती है,उन्हें चिड़ियाघर में पर्यटकों के दीदार के लिए खोल दिया जाएगा.
दार्जिलिंग चिड़िया घर में शिमला के जू से लाए गए जंतुओं और पक्षियों को विशेष निगरानी में रखा गया है. इसके बाद ही पर्यटकों के लिए इसे सुरक्षित किया जाएगा. दार्जिलिंग चिड़ियाघर के सूत्रों ने बताया कि लाल मुर्गा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा. यहां घूमने आए पर्यटक काफी समय से लाल मुर्गा की मांग कर रहे थे, जो अब पूरा हो चुका है. इसके अलावा हिमालय गोरल भी पर्यटकों को काफी पसंद है. अब इसकी कमी भी पूरी हो चुकी है. लगभग 6 महीने पहले एक्सचेंज को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया गया था. 3 महीने पहले ही सहमति बनी. केंद्रीय चिड़ियाघर से हरी झंडी मिलते ही दोनों ही चिड़िया घरों में आदान-प्रदान हो चुका है.
यू तो दार्जिलिंग के चिड़ियाघर में लगभग सभी प्रकार के जंतु और पक्षी हैं, लेकिन कुछ पक्षी पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं. क्योंकि उनकी प्रकृति और अंत: क्रिया पर्यटको के मन-बहलाव के लिए पर्याप्त हैं. शिमला का कुफरी चिड़ियाघर और दार्जिलिंग का चिड़ियाघर अक्सर पक्षियों और जंतुओं का आदान-प्रदान करते रहे हैं.दार्जिलिंग के चिड़ियाघर में ऐसे पक्षी हैं, जो कुफरी चिड़ियाघर से यहां लाए गए हैं और पर्यटकों का मन बहलाव करते हैं.