सिलीगुड़ी शहर के अंतर्गत कई ऐसे इलाके हैं, जो जलपाईगुड़ी जिला के अंतर्गत आते हैं. जैसे डाबग्राम, फुलवारी, आशीघर, सेवक रोड, एनजेपी इलाका इत्यादि. इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की रोजी-रोटी का मुख्य केंद्र सिलीगुड़ी ही है. हालांकि वैधानिक और कागजाती मामलों के लिए निवासियों को जिला जलपाईगुड़ी जाना पड़ता है और जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन ही उनके मामलों को देखता है.
इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राशन कार्ड, वोटर कार्ड इत्यादि दस्तावेज बनवाने के लिए राजगंज ब्लॉक जाना पड़ता है. जबकि मुकदमे संबंधित कार्रवाई के लिए अपराधियों को जलपाईगुड़ी कोर्ट भेजा जाता है जो सिलीगुड़ी से लगभग 1 घंटे की परिवहन दूरी पर स्थित है. ऐसे में इन इलाकों का विकास जिस तरह से होना चाहिए उस तरह से नहीं हो पाया है. सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा प्रदत्त सुविधाएं भी यहां के लोगों को नहीं मिलती है.
लेकिन अब अगर सिलीगुड़ी नगर निगम में चल रही चर्चा पर भरोसा करें तो बहुत जल्द सिलीगुड़ी के जलपाईगुड़ी जिला के अधीन आने वाले बस्ती क्षेत्रो को भी सिलीगुड़ी नगर निगम में शामिल किया जा सकता है और एक वृहद सिलीगुड़ी ग्रेटर का दर्जा दिया जा सकता है. चर्चा यह भी है कि डाब ग्राम, फुलवारी इलाके में स्थित औद्योगिक क्षेत्र को भी सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत लाया जा सकता है.
सिलीगुड़ी नगर निगम के एक कर्मचारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम का दायरा बढ़ सकता है. उस पर कई अन्य क्षेत्रों के विकास का भी दायित्व बढ़ने वाला है, जो फिलहाल जलपाईगुड़ी जिले के अंतर्गत आते हैं. या तो वे पंचायत क्षेत्र में हैं या फिर दार्जिलिंग जिले में या किसी ब्लॉक के अधीन कार्य कर रहे हैं. ऐसे क्षेत्रों में विकास कार्य बिल्कुल भी नहीं हुए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती हैं कि सिलीगुड़ी नगर निगम ऐसे क्षेत्रों को अपने अंतर्गत लाकर उनका विकास करे. च
चर्चा के अनुसार अगर सब कुछ ठीक रहा तो लोकसभा चुनाव के समय इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक आधिकारिक घोषणा कर सकती हैं. जबकि पूरी प्रक्रिया पर अमल आगामी विधानसभा चुनाव के समय ही होगा. जिन क्षेत्रो को सिलीगुड़ी नगर निगम में मिलाने की बात हो रही है, वे हैं डाबग्राम, फुलबारी 1,फुलबारी 2 नंबर, कावाखाली, आशीघर, सिटी सेंटर, दार्जिलिंग मोड़ के आसपास इलाके, मेडिकल, शालूगाडा के इलाके, चेक पोस्ट, एनजेपी के कुछ इलाके इत्यादि शामिल है.
जहां तक डाबग्राम और फुलवारी के विकास की बात है, कुछ समय पहले मेयर गौतम देव ने भी आश्वासन दिया था कि इन सभी इलाकों को नगरपालिका के अधीन लाए जाएंगे. आगामी लोकसभा चुनाव के समय इस संबंध में प्रशासनिक तौर पर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. फिलहाल तो सिलीगुड़ी नगर निगम के स्तर पर कर्मचारियों में तो यही चर्चा चल रही है. उम्मीद की जानी चाहिए कि यह चर्चा निराधार ना हो.