खरमास का महीना चल रहा है. शादी-विवाह सब बंद है. कोई भी शुभ कार्य इस महीने नहीं होगा. लेकिन इसी महीने ईसा मसीह का जन्मदिन क्रिसमस मनाया जाएगा. इसलिए जो लोग खरमास को लेकर थोड़े उदास थे, उनमें एक नया जोश और खुशी देखी जा रही है. सिलीगुड़ी में क्रिसमस का त्यौहार खूब धूमधाम से मनाया जाता है. प्रशासनिक स्तर पर भी इसकी जोरदार तैयारी चलती है तो आम लोग भी उस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
25 तारीख को क्रिसमस है. 24 तारीख की मध्य रात्रि में गिरिजा घरों में घंटा बजेगा और प्रभु ईसा मसीह का जन्मदिन उत्साह से मनाया जाएगा. सिलीगुड़ी और आसपास के सभी गिरिजा घरों को सजाया और संवारा जा रहा है. सिलीगुड़ी के बाजार भी चमक रहे हैं. बड़े-बड़े मॉल और शॉपिंग कांपलेक्स में दुकानों को रंग बिरंगे लटटुओं से सजाया जा रहा है. कपड़े की दुकान से लेकर शॉपिंग कांप्लेक्स सब जगह क्रिसमस का वातावरण देखने को मिल सकता है. कई दुकानदार तो क्रिसमस के उपलक्ष में ग्राहकों को ऑफर दे रहे हैं.
सिलीगुड़ी के विभिन्न बाजारों में दुकानों को रंग-बिरंगे लटटुओं से सजाया गया है. दुकानों पर सांता क्लाज की ड्रेस बिक रही है. बच्चों को सांता क्लाज काफी पसंद है. क्योंकि वह उनके लिए टाॅफियां लेकर आता है. इसके अलावा उनके विनोद के सामान भी उपलब्ध कराता है. बच्चे सांता क्लाज की ड्रेस और बिग खरीद रहे हैं. विधान मार्केट, महावीर स्थान, रेल गेट ,चंपासारी इत्यादि बाजारों में क्रिसमस के विभिन्न आइटम बिक रहे हैं. क्रिसमस ट्री की काफी मांग देखी जा रही है. घरों में सजावट की वस्तुएं भी काफी मिल रही है.
ईसाई समुदाय का यह त्यौहार उल्लास और उमंग से भरा रहता है. इसकी तैयारी वे काफी समय पहले से ही शुरू कर देते हैं. आम लोग और बच्चे भी क्रिसमस के रंग में रंगे होते हैं. सिलीगुड़ी के स्कूलों में तो बाकायदा ईसा मसीह का जन्म और उनके विचारों पर झांकी प्रस्तुत की जाती है. ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था. ऐसी मान्यता है कि यीशु मसीह ने उस दिन मरियम के घर जन्म लिया था. मरियम को एक सपना आया था. इस सपने में उन्हें प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देने की भविष्यवाणी की गई थी. म
मरियम गर्भवती हुई तो उन्हें बेथलहम में रहना पड़ा. मरियम ने एक ऐसी जगह पर बच्चे को जन्म दिया, जहां पर लोग पशुपालन किया करते थे. कहा जाता है कि भगवान स्वयं देवदूत का रूप धारण कर आए और लोगों से कहा कि पृथ्वी पर एक भगवान का अवतार हुआ है. लोगों का मानना था कि यीशू ईश्वर का पुत्र है और वे पृथ्वी पर कल्याण के लिए आए हैं. ऐसी भी मान्यता है कि ईसा मसीह ने ही ईसाई धर्म की स्थापना की थी. यही वजह है कि 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है.