इन दिनों सिलीगुड़ी शहर में विभिन्न गैस एजेंसियों के दफ्तर में सुबह से ही एलपीजी उपभोक्ताओं की लाइन लगनी शुरू हो जाती है. ऐसा कोई दफ्तर नहीं है,जहां लोगों की भीड़ बायोमेट्रिक के लिए आतुर नहीं दिख रही हो. सिलीगुड़ी शहर में इनडेन, एचपी, भारत जैसी गैस एजेसियो के अलग-अलग दफ्तर हैं. उनके दफ्तर में उपभोक्ता सुबह से ही लाइन लगाने आ जाते हैं. क्योंकि उन्हें बताया गया है कि 31 दिसंबर तक बायोमेट्रिक नहीं होने पर उनकी सब्सिडी बंद हो जाएगी.
कुछ लोगों को तो यह भी पता नहीं है कि बायोमेट्रिक क्यों कराया जा रहा है. लोगों को गैस एजेंसी वाले भी नहीं बता रहे हैं और ना ही उपभोक्ता यह जानना चाहते हैं कि उनका फिंगरप्रिंट क्यों लिया जा रहा है. बस किसी ने कह दिया कि 31 दिसंबर तक फिंगरप्रिंट का लास्ट डेट है. इन सुनी सुनाई बातों में आकर वह गैस एजेंसियों के दफ्तर में लाइन लगाने आ जाते हैं. केवल सिलीगुड़ी में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर बंगाल में इन दिनों यही नजारा देखा जा रहा है. कई लोग तो यह भी भ्रम में है कि बायोमेट्रिक नहीं देने पर गैस कनेक्शन रद्द हो सकता है.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अब 31 मार्च तक बायोमेट्रिक कराया जा सकेगा. इसलिए सिलीगुड़ी के लोगों को जल्दबाजी करने अथवा गैस एजेसियों के दफ्तर में लाइन लगाने की जरूरत नहीं है. पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि कोई भी उपभोक्ता स्वतंत्र है. किसी को भी पाइप खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. यानी फिंगरप्रिंट केवल पाइप खरीदने के लिए ही है. इसका ना तो सब्सिडी से अथवा ना ही कनेक्शन से कोई संबंध है. गैस एजेंसियों की ओर से कहा जा रहा है कि ग्राहक 31 मार्च तक फिंगरप्रिंट दे सकेंगे. अगर कोई भी ग्राहक पाइप खरीदना नहीं चाहता तो उसे मजबूर नहीं किया जा सकता है. हालांकि यह उपभोक्ता के हित में होता है कि अगर पाइप पुराना हो तो उसे बदलवा देना चाहिए.
गैस उपभोक्ताओं के लिए एक और खुशी की खबर है. ग्राहक घर बैठे ऐप के जरिए भी बायोमेट्रिक करा सकते हैं. निश्चित रूप से इस खबर के बाद सिलीगुड़ी में गैस एजेंसियों के दफ्तर के आगे भीड़ लगाने वाले ग्राहकों की परेशानी खत्म होगी. इसके साथ ही गैस एजेंसियों के कर्मचारी भी राहत की सांस ले रहे होंगे. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की इस पहल से पूरे बंगाल में एलपीजी उपभोक्ताओं को भारी राहत मिली है. पिछले कई दिनों से देखा जा रहा था कि सिलीगुड़ी, मालदा, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, दार्जिलिंग,अलीपुरद्वार इत्यादि इलाकों में गैस उपभोक्ताओं द्वारा गैस एजेंसियों के दफ्तरों में फिंगरप्रिंट के लिए लाइन लगाया जा रहा था.
अनेक उपभोक्ता केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना भी कर रहे थे और मन ही मन सरकार की बुराई भी. हालांकि गैस एजेंसियों के द्वारा स्पष्ट नहीं किए जाने के कारण वह गलतफहमी में थे. अब केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कोई आवश्यक भी नहीं है.