November 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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शराब पीकर गाड़ी चलाने से बढ़ रहे हैं सड़क हादसे!

शराब पीकर गाड़ी चलाना हमारे देश में एक गंभीर समस्या बन गई है. रोजाना होने वाले सड़क हादसों में सर्वाधिक हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से होते हैं. नशे में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर निर्दोष लोगों को कुचल देते हैं. सेवक रोड की घटना इसका ज्वलंत प्रमाण है. हालांकि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने ट्रैफिक नियमों में काफी सुधार किया है. इसके अलावा कई तरह के जागरूकता मूलक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता रहा है.

लेकिन इसका कोई भी असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है. सिलीगुड़ी ही नहीं, बल्कि कोलकाता में भी ऐसी घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. एक निजी रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता में शराब पीकर वाहन चलाने वालों की तादाद में लगभग 50% की बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर जुर्माने की राशि काफी बढ़ा दी है. मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी चलाता है तो पकड़े जाने पर ₹10000 का जुर्माना हो सकता है . अगर मामला गंभीर है तो जुर्माना और जेल दोनों एक साथ हो सकता है. अगर दूसरी बार भी व्यक्ति यही गलती करता है तो ₹15000 का जुर्माना होगा और 2 साल की सजा. लेकिन सजा और जुर्माना मात्र से ही समस्या का समाधान नहीं हो जाता.

सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करना होगा कि शराब पीकर वाहन चलाया ही नहीं जाए. नशे में चालकों का गाड़ी पर कंट्रोल नहीं रहता है. इससे एक्सीडेंट होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है. जैसा कि सिलीगुड़ी में सेवक रोड स्थित हल्दीराम स्वीट्स के सामने घटना घटी थी. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत जबकि दूसरा व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी अवस्था में अस्पताल में जीवन और मौत के बीच झूल रहा है. इस हादसे की गूंज शहर से लेकर बस्ती क्षेत्रो तक में हो रही है.

सवाल यह है कि आखिर ऐसे हादसों को रोका कैसे जाए? इसके लिए ट्रैफिक नियमों को और सशक्त करना होगा. केवल जुर्माने की राशि बढ़ा देने मात्र से समस्या का समाधान नहीं हो जाता. क्योंकि बहुत से वाहन चालक काफी अमीर होते हैं. उनके लिए 10000 या ₹15000 तक जुर्माने की राशि भरना कोई बड़ी बात नहीं होती. ऐसे लोगों के विवेक और मानवता को जगाने की आवश्यकता है. उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से सजग करना होगा. उन्हें यह एहसास करना होगा कि जब उनकी गलती से किसी निर्दोष व्यक्ति की जान चली जाती है, तब उसके परिवार पर कितनी बड़ी मुसीबत आती है.

सेवक रोड सड़क हादसे में पंजाबीपाड़ा के रहने वाले मुकेश मित्तल की मौत हो गई थी. मुकेश मित्तल अपने परिवार के साथ हादसे के समय सड़क के किनारे खड़े किसी से बात कर रहे थे. अचानक ही चुपके से मौत वहां आ गई और उनके परिवार से उन्हें छीन ले गई. उनके परिवार में कोहराम मचा है. क्या उनकी जिंदगी वापस आ सकती है. शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों में यह एहसास जगाना होगा. कानून में भी बदलाव करने की जरूरत है. शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाले हादसे के लिए चालक को पूरी तरह जिम्मेदार बनाकर उसके खिलाफ गैर जमानती अपराध के अंतर्गत मुकदमा चलाने की व्यवस्था होनी चाहिए.

सिलीगुड़ी में ट्रैफिक पुलिस आए दिन रात्रि 10:00 बजे के बाद ऐसे वाहन चालकों पर नजर रखती है, जो तीव्र गति से वाहन चलाते हैं. शक होने पर ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों का BAC टेस्ट करती है. यह टेस्ट ब्रेथ एनलाइजर के जरिए किया जाता है. अगर खून में अल्कोहल की मात्रा 30 एमजी/ 100 ml से ज्यादा निकलता है, तो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना जाता है. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई करती है. सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस को और अधिकार देकर उसे सशक्त करने की जरूरत है. खासकर शराब पीकर वाहन चलाने वालों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं हो सके, इसके लिए पुलिस को पूरा अधिकार देना होगा. अगर ट्रैफिक पुलिस सख्ती दिखाए और ऐसे लोगों पर किसी तरह का रहम नहीं कर सके तो स्थिति में बदलाव हो सकता है.

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