जलपाईगुड़ी जिले के सेनपाड़ा के द्विजेन्द्र नारायण सरकार, पहाड़पुर की एनिमा बर्मन, पुतीमारी के जगन राय और राजारहाट के समर राय समेत पांच लोगों को क्या पता था कि चंद कदमों पर ही मौत खड़ी उनका इंतजार कर रही है. दिन दुनिया से बेखबर यह लोग अपने रोजमर्रे के कार्यों में व्यस्त थे. कुछ लोगों के घर में किसी खास कार्य की योजना बनाई जा रही थी. कुछ बहुत खुश थे. तभी अचानक वह हुआ, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. मौसम कुल मिलाकर ठीक-ठाक ही था. लेकिन अचानक ही अंधर और तूफान किसी की मौत और तबाही का पैगाम लेकर घरों में दस्तक देने लगा. देखते देखते तबाही का ऐसा आलम पसरा कि सब कुछ मिनटों में ही खाक हो गया. चीख पुकार और फिर चारों तरफ बिखर गया सन्नाटा…
अब तक के चक्रवाती तूफान के इतिहास में कदाचित यह पहला मौका है, जब इसकी गूंज कोलकाता से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक सुनाई पड़ रही है. दरअसल चुनाव का मौसम है. वक्त का तकाजा भी है. रविवार दोपहर 3:32 पर यह विनाशकारी तूफान आया था. कोई और मौका होता तो फटाफट इतनी जल्दी सब कुछ नहीं होता. देर रात में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विमान से कोलकाता से बागडोगरा आई और फिर यहां से जलपाईगुड़ी पहुंच गई. इससे पहले तूफान थमने के बाद सिलीगुड़ी से सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए.
जलपाईगुड़ी नगर पालिका अध्यक्ष पपिया पाल, उप नगर पालिका प्रधान सैकत चटर्जी, कोतवाली थाने के आई सी संजय दत्त समेत तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेता, उम्मीदवार, राहत कार्य में लगे लोग, स्वयं सहायता समूह, स्वयंसेवी संगठनों के साथ-साथ NDRF के लोग पहले से ही पहुंचे हुए थे और पीड़ित लोगों की सहायता में लगे थे. शाम होते होते सिलीगुड़ी से मेयर गौतम देव, मयनागुड़ी और जलपाईगुड़ी पहुंच गए. दोनों प्रमुख दलों के उम्मीदवार निर्मल चंद्र राय और भाजपा उम्मीदवार जयंत राय तो पहले से ही अस्पतालों में भाग भाग कर घायलों की हर संभव सहायता के कार्य में जुटे हुए थे. देर रात्रि को स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौके पर पहुंच गई.
उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की तथा उन्हें धीरज दिया. फिर वह घायलों को देखने के लिए जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में गई. इसके बाद वह पुतीमारी प्राइमरी स्कूल के शिविर में भी गई, जहां पीड़ित परिवारों को रखा गया था. यह सारा कार्य रात में ही हुआ. रात में ही भाजपा और दूसरे दलों के नेताओं के भी सोशल मीडिया और अन्य ट्विटर हैंडल पर मैसेज आने लगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन कर जलपाईगुड़ी के हालात की जानकारी ली. उन्होंने x हैंडल की पोस्ट में लिखा, तूफान के कारण पश्चिम बंगाल, असम और मणिपुर को हुए भारी नुकसान से बेहद चिंतित हूं. मुख्यमंत्री से बात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. मृतकों के परिवारों के प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीड़ित परिवारों और तूफान में मारे गए लोगों के परिवार वालों को सरकारी नियम और आचार संहिता को ध्यान में रखकर क्षतिपूर्ति की बात कही. लेकिन रात में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कोलकाता से जलपाईगुड़ी पहुंचने और पीड़ित परिवारों से मिलने की बात राज्य भाजपा को हजम नहीं हो पाई है. आज बागडोगरा एयरपोर्ट पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुबह तक भी इंतजार कर सकती थी. उन्होंने सवाल उठाया कि रात में ही मुख्यमंत्री घटनास्थल पर क्यों गई?
शुभेंद अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री इसके जरिए क्या संदेश देना चाहती है. घटनास्थल पर एनडीआरएफ के लोग सहायता कार्य में जुटे हुए हैं. इसके अलावा विभिन्न सामाजिक और राष्ट्रीय संगठनों के लोग भी पीड़ित परिवार की मदद कर रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री रात में क्या वहां फोटो सेशन के लिए गई थी? वह सुबह तक भी इंतजार कर सकती थी. उन्होंने माल हादसा का जिक्र करते हुए कहा कि जब वहां तबाही हुई थी, तब तो मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर पहुंचने में पूरा एक हफ्ता लगा दिया था. दरअसल मुख्यमंत्री चुनाव में वोट के लिए वहां गई थी.
उन्होंने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाषण और फोटो सेशन ही ज्यादा हुआ. काम तो स्थानीय लोग अथवा संगठनों और एनडीआरएफ के लोग कर रहे हैं. सुवेंदु अधिकारी ने यह भी कहा कि जलपाईगुड़ी में आए विनाशकारी तूफान में जितनी क्षति और तबाही हुई है, अगर राज्य सरकार दूसरे प्रदेशों से सबक लेकर निगरानी और जागरूकता तंत्र स्थापित करती तो शायद लोग अपना काफी हद तक बचाव कर सकते थे. आज शुभेंदु अधिकारी भी तूफान में पीड़ित परिवारों और घायलों को देखने के लिए जलपाईगुड़ी पहुंचे. राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने भी घायलों का हाल जाना और हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि व्यक्त की.
रविवार दोपहर में आए इस विनाशकारी तूफान ने जलपाईगुड़ी, मयनागुडी समेत पूर्वोत्तर राज्यों को भारी तबाही पहुंचाई है. गुवाहाटी में भी तूफान से काफी नुकसान हुआ है. इसका जलपाईगुड़ी जिले में सबसे ज्यादा असर राजार हाट, बारनिस, बाकाली, जोर पाकडी, माथाभंगा तथा सप्तीबाडी में हुआ है. इन इलाकों में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं. एक गैर सरकारी सूचना के अनुसार 500 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. तूफान की गति इतनी तेज थी कि रास्ते में जो भी आया, वही उखड़ गया. बड़े-बड़े पेड धराशाही हो गए.कई इलाकों में बिजली के पोल भी उखड़ गए. दर्जनों घर ताश के पत्ते की तरह भरभरा कर गिर पड़े.
कल तक उन इलाकों में काफी चहल-पहल दिख रही थी. आज वहां मौत सा सन्नाटा पसरा हुआ है. चारों तरफ शून्यता, खामोशी और दूर-दूर तक बिखरे हुए मलबे. लोग अपने ही घर को पहचान नहीं पा रहे हैं.आंखों में बेबसी है. जिन लोगों ने अपना बेटा, पिता या मां को खोया है, उनकी आंखें शून्य हो गयी हैं.दर्जनों लोग घायल हुए हैं. जिनका इलाज जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी, कूचबिहार और आसपास के निजी और सरकारी अस्पतालों में चल रहा है. आज तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी सिलीगुड़ी स्थित एक निजी क्लीनिक में भर्ती हादसे में घायल लोगों को देखने पहुंचे और उनका हाल जाना तथा उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया.
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