सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल समेत पूरे बंगाल में गर्मी का सितम शुरू हो चुका है. सिलीगुड़ी में पिछले दो दिनों से गर्मी और तीखी धूप ने लोगों की हालत खराब कर दी है. मिली जानकारी के अनुसार मौसम में अचानक बदलाव के कारण सिलीगुड़ी के कुछ इलाकों में मौसमी बुखार, सर्दी जुकाम आदि लक्षण लोगों में देखे जा रहे हैं. बच्चों से लेकर बड़े तक मौसमी ज्वर से पीड़ित है. डॉक्टरों का कहना है कि बढ़ती गर्मी और तीखी धूप में बच्चों और बड़ों को बाहर नहीं रहना चाहिए. उन्हें फ्रिज का पानी नहीं पीना चाहिए. इसके अलावा अधिक से अधिक सामान्य पानी पीना चाहिए. धूप से आने के बाद एकदम से पानी नहीं पीना चाहिए.
यह मौसम की अजीब माया है कि एक तरफ पूरे बंगाल में सूरज की चिलचिलाती किरणें धरती को तपा रही हैं, तो दूसरी तरफ सिलीगुड़ी से कुछ किलोमीटर हटकर जलपाईगुड़ी के कई इलाकों में आए विनाशकारी तूफान ने सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया है. वे सभी शिविरों में रहकर अपनी बर्बादी को शून्य आंखों से निहार रहे हैं.
इस बीच मौसम विभाग ने राज्य के 5 जिलों को लेकर चेतावनी जारी कर दी है. इन जिलों में पश्चिमी वर्धमान, झाड़ग्राम,पुरुलिया, बांकुरा तथा पश्चिम मेदिनीपुर जिला शामिल है. मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि इन जिलों में लू चलने की संभावना है. मौसम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गर्मी लगातार बढ़ रही है. यह 40-45 डिग्री सेल्सियस तक जा सकती है. अप्रैल का महीना शुरू हो गया है और शुरुआत में ही गर्मी का पारा लगातार बढ़ रहा है.
इस बीच मौसम विभाग ने पूरे देश के लिए एक डरावनी तस्वीर पेश की है. मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल से लेकर जून तक की अवधि में गर्मी अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है. मौसम विभाग ने बताया है कि तीन महीने में गर्मी अत्यधिक पड़ने वाली है. मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय हिस्सा इससे सर्वाधिक प्रभावित होगा.
देश में आम चुनाव भी इस महीने शुरू हो रहे हैं और मई महीने तक जारी रहेगा. इसका असर न केवल मतदाताओं पर पड़ेगा बल्कि चुनाव कर्मचारियों और अन्य संसाधनों पर भी पड़ने वाला है. पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिज्यूजू ने कहा है कि हम सभी के लिए यह बेहद चुनौती पूर्ण स्थिति है. भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है. हमें गर्मी से निपटने के लिए अभी से तैयारी करने की जरूरत है.
स्वास्थ्य विभाग और मौसम विभाग की ओर से भी देश की जनता से अपील की गई है कि गर्मी से निपटने के लिए उन्हें हर समय सजग रहना होगा. क्योंकि चिलचिलाती गर्मी और धूप में बीमारियों का खतरा बना रहता है. चुनाव के मौसम में मतदाता और मतदान कर्मी दोनों को ही अधिक सतर्क रहना होगा. मोटे तौर पर समझ लीजिए कि अप्रैल से लेकर जून तक भारत के मैदानी इलाकों में लू चलने की संभावना है. तापमान में लगातार बढ़ोतरी जारी है.
अगर राज्यों की बात करें तो गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ सकती है.
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