November 24, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल कालिम्पोंग जुर्म दार्जिलिंग सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी और पहाड़ में साइबर ठगी की बढ़ रही घटनाएं! सिक्किम में कार्यरत टैक्स असिस्टेंट को 60 हजार का लगा चूना!

साइबर ठगी का शिकार केवल आम आदमी नहीं हो रहा है बल्कि बड़े-बड़े लोग, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी हो रहे हैं. कहा जाता है कि साइबर ठग अधिकतर कम पढ़े-लिखे लोगों को ही अपना शिकार बनाते हैं. लेकिन जब एक टैक्स प्रशासनिक अधिकारी भी साइबर ठगी का शिकार हो जाए तो आप क्या कहेंगे!

बदलते समय के अनुसार साइबर ठगी के नए-नए तरीके ढूंढ लिए गये हैं. व्हाट्सएप के जरिए सारा खेल खेला जा रहा है. इस तरह के विज्ञापन आपने खूब देखे होंगे कि दो घंटे के लिए पार्ट टाइम जॉब करके महीने के लाखो रुपए कमा सकते हैं. या नौकरी छोड़ो, पार्ट टाइम करो या फिर धन दुगुना करने की 100% गारंटी वाला विज्ञापन भी आपने देखे होंगे. यह अज्ञात नंबर से आपके मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए भेजा गया होगा.

सिक्किम में कार्यरत टैक्स अधिकारी के साथ घटी घटना यह दर्शाती है कि लोग छोटे हो या बड़े, साइबर ठगों के जाल में जरूर फंस जाते हैं. टैक्स अधिकारी विकास राजहंस के मोबाइल के व्हाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज आया. क्या आप पार्ट टाइम जॉब करके रोजाना 30 से ₹40000 कमाना चाहते हैं महीने में करना चाहते हैं? विकास राजहंस ने इसका उत्तर हां में दिया. उसके बाद कुछ देर के बाद दूसरी ओर से कुछ लोगों ने उनसे बात की और उन्हें विश्वास में लेकर एक टेलीग्राम लिंक भेजा. यह पार्ट टाइम जॉब के लिए था.

यह घटना 3 अप्रैल की बताई जा रही है. विकास राजहंस ने दूसरी तरफ से भेजे गए फार्म की सारी प्रक्रिया पूरी करके टास्क को कंप्लीट कर दिया. अपलोड करने तथा अन्य प्रोसेसिंग की वैधानिक प्रक्रिया के लिए विकास राजहंस से कुछ रुपए मांगे गए. ऑनलाइन भुगतान करने के बाद थोड़ी ही देर में उनके मोबाइल के व्हाट्सएप पर उनकी बचत खाते से पहले 35000, फिर ₹20000 और आखिर में ₹5000 की निकासी की गई. इसके बारे में विकास राजहंस को कोई जानकारी नहीं थी.

एक अन्य घटना में एक अन्य प्रशासनिक अधिकारी के बैंक खाते से ₹87000 की अवैध निकासी की गई थी. यह घटना 12 अप्रैल को घटी. पहले प्रिय रंजन ने ₹50000, फिर ₹15000, फिर कुछ और रुपए भेज कर इस तरह से 87000 ऑनलाइन भेजे थे. प्रिय रंजन ने बताया कि वास्तव में उनसे हुई भूल के कारण उनके खाते से जो रुपए कट गए थे, उन रूपयो को वापस पाने के लिए ही उन्होंने दूसरी तरफ के लोगों की शर्तें मानी थी. पर उन्हें क्या पता था कि वह एक और मुसीबत में पड़ जाएंगे!

इससे पहले इसी महीने सिलीगुड़ी में झंकार मोड और महानंदा पाड़ा के दो नागरिकों के साथ लाखों रुपए की साइबर ठगी हुई थी. कुछ पीछे जाए तो इसी महीने सिलीगुड़ी के एक दर्जन से अधिक लोग छोटी-छोटी साइबर ठगी के शिकार हुए हैं. साइबर ठगी के मामले में लोग यह भी जानते हैं कि साइबर ठगो तक पहुंच पाना आसान नहीं होता है. यही कारण है कि अनेक मामले तो साइबर थाना में जा ही नहीं पाते. पीड़ित व्यक्ति अंदर ही अंदर जख्म को सहन करता जाता है.

आपको याद होगा कि कुछ समय पहले सिलीगुड़ी साइबर थाने के पुलिस अधिकारियों ने साइबर ठगी को लेकर सिलीगुड़ी के लोगों के बीच एक सचेतनता अभियान चलाया था. पुलिस कमिश्नरेट की वेबसाइट पर भी इस तरह के लोगों को जागरूक करने वाले मैसेज देखे जा सकते हैं. बैंक में अपने खाते की सुरक्षा के संबंध में आरबीआई और बैंक के जरिए भी ग्राहकों को सजग किया जाता है. लेकिन घटना बीतने के साथ ही ग्राहक उस बात को भी भूल जाते हैं. साइबर ठग ऐसे ही मौके की ताक में रहते हैं.

सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग पहाड़, कालिमपोंग और सिक्किम भी अब साइबर ठगो से अछूता नहीं रहा है. बेहतर यही है कि ऐसे लोगों से खुद को बचाकर रखें और उनके किसी भी सवाल अथवा स्कीम के बारे में कोई जानकारी प्राप्त करने की इच्छा ना करें. जानकार बताते हैं कि एक बार उनके चक्कर में आ गए तो फिर आपके लुटे जाने के चांसेस ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसलिए अपनी और अपने धन की सुरक्षा के लिए आरबीआई, बैंक, पुलिस और साइबर पुलिस अधिकारियों की सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त करें.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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