November 24, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

रक्षाबंधन पर बहनों को सुरक्षा का गिफ्ट चाहिए!

देश भर में आरजीकर अस्पताल कांड की गूंज सुनाई पड़ रही है. पूरा बंगाल उबाल पर है. पुलिस और सीबीआई के लोग आज भी ट्रेनी महिला डॉक्टर के वास्तविक दुष्कर्मी और हत्यारे को तलाश रहे हैं. अब तो सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लेकर सुनवाई शुरू कर दी है. जब देश भर में महिला सुरक्षा को लेकर इतना हंगामा मचा है, दूसरी ओर इस घटना के बाद ऐसा कोई भी दिन नहीं बीता, जब किसी न किसी महिला की आबरू लूटी ना गयी हो.

देशभर की बात छोड़ दीजिए. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में ही ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं,जहां ऐसा कोई भी दिन बाकी ना रहा,जब सिलीगुड़ी के वेब चैनल व समाचार पत्रों में किसी न किसी महिला के साथ दुष्कर्म, अपहरण आदि के समाचार सुर्खियों में ना रहे हो. यह वही सिलीगुड़ी है, जहां कुछ दिन पहले ही आधी रात को महिला सुरक्षा की मांग को लेकर पूरे शहर की महिलाएं एक पैर पर खड़ी हुई थीं. न केवल शहर की सामान्य महिलाएं बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों के द्वारा भी कोलकाता के निर्भया हत्याकांड का विरोध और महिला सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है.

जिस प्रदेश में प्रदेश की मुखिया द्वारा महिलाओं की सुरक्षा की मांग और समर्थन में रैली निकाली जा रही हो, इसी बात से समझा जा सकता है कि यहां महिला सुरक्षा का मामला कितना गंभीर है. जिस प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरजी कर निर्भया कांड के दोषियों की फांसी मांग रही है, वहां अब तक यह पता ना लगा पाना कि वास्तविक अपराधी कौन है, यह न केवल प्रशासनिक, बल्कि पुलिस तंत्र की विफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है.

अब सिलीगुड़ी को ही ले लीजिए. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में आरजीकर अस्पताल कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को धता बताकर उनके साथ दुष्कर्म, अपहरण आदि की चार-चार घटनाएं घट चुकी हैं. वह चाहे एनजेपी में एक नाबालिक लड़की से दुष्कर्म की घटना हो या फिर एनजेपी इलाके से ही एक महिला को बेहोश कर माल बाजार ले जाने की घटना हो या फिर चॉकलेट का प्रलोभन देकर एक 8 वर्षीया मासूम बालिका के अपहरण की घटना हो, इन सभी घटनाओं ने महिला सुरक्षा की पोल खोल कर रख दी है. कोलकाता के निर्भया कांड के जुम्मे- जुम्मे कुछ दिन ही हुए, लेकिन इसके बावजूद आज भी महिलाओं को बेआबरू किया जा रहा है.

ऐसी डरावनी वाली घटनाओं के बीच आज रक्षाबंधन का त्यौहार देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. सिलीगुड़ी में पुलिस, प्रशासन, सामान्य नागरिक और सभी सेवाओं में रक्षाबंधन मनाया जा रहा है. राह चलते लोगों को सिविक वॉलिंटियर द्वारा राखी बांधी जा रही है. पुलिस के जवानों को महिलाएं राखी बांध रही हैं. राजनीतिक दल, शासन प्रशासन के लोग सभी इस त्यौहार का आनंद ले रहे हैं. पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि रक्षाबंधन त्यौहार का पारंपरिक रूप से पालन तो किया जा रहा है, पर आज भी रक्षाबंधन पर्व की आत्मा सिसक रही है, जहां बहन एक भाई से अपनी सुरक्षा का संकल्प चाहती है.

लेकिन वह भाई तो इसलिए खुश है, क्योंकि उसकी कलाई पर बहन ने राखी बांधी है. उस भाई ने कभी नहीं सोचा कि आखिर रक्षा सूत्र के जरिए बहन भाई से क्या अपेक्षा रखती है. जब तक रक्षाबंधन की आत्मा और उसके उद्देश्य को मनाने की परंपरा कायम नहीं होगी, ऐसे रक्षाबंधन का कोई औचित्य नहीं है. केवल त्यौहार मना लेने से ही रक्षाबंधन का उद्देश्य पूरा नहीं हो जाता. आज जब देश भर में और खासकर बंगाल में महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए भाई से गुहार लगा रही है, वहां उनकी सुरक्षा और आजादी के लिए एक भाई के द्वारा संकल्प और संघर्ष ही इस रक्षाबंधन की सार्थकता है.

आज का दिन एक भाई और बहन के लिए संकल्प और संघर्ष का दिन है, जहां वह आत्म मंथन करें कि आखिर इस त्यौहार की आत्मा को हम कैसे जीवंत करें. केवल गिफ्ट लेने अथवा भाई से चंद रुपए लेने से रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मन सकता. भाई बहन का यह त्यौहार चिंतन करने का त्यौहार है, जहां नकारात्मक माहौल में आशा की एक किरण को प्रज्वलित किया जाए!

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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