गोरखपुर से लेकर सिलीगुड़ी तक ग्रीन कॉरिडोर एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना है. यह प्रस्ताव काफी पहले से ही है. अब इसकी पहल शुरू हो गई है. केंद्रीय नागरिक सड़क राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बिहार सरकार को पत्र लिखा गया है. 2047 विजन को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अंजाम देने की तैयारी शुरू कर रही है.
यह ग्रीन कॉरिडोर सिलीगुड़ी और बिहार को आपस में जोड़ेगा. जिस तरह का मास्टर प्लान है उसे ध्यान में रखते हुए अगर काम उस तरह से शुरू होता है तो सिलीगुड़ी से गोरखपुर वाया बिहार होते हुए आप राजधानी ट्रेन से भी कम समय में गोरखपुर तक सफर पूरा कर सकेंगे. क्योंकि जिस तरह का मास्टर प्लान है, इसके अनुसार सिलीगुड़ी से बस खुलेगी तो नॉन स्टॉप दौड़ती जाएगी.
यह ग्रीन कॉरिडोर आबादी से दूर ग्रामीण क्षेत्रो से होकर गुजरेगी. सड़क के दोनों ओर हरियाली नजर आएगी. ग्रीन एक्सप्रेसवे का ढांचा कुछ इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि कहीं भी एक्सीडेंट का कोई खतरा नहीं रहेगा. उक्त एक्सप्रेसवे पर छोटे वाहनों की अनुमति नहीं होगी. ना कहीं ट्रैफिक जाम होगा और ना ही मास्टर प्लान में इसकी कोई जगह दी गई है. बस एक बार आप बैठेंगे तो मंजिल पर पहुंचकर ही रुकेंगे.
प्रत्येक जिले में स्टॉप बनाया जा सकता है. वैसे यह यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा. बिहार के लगभग 15 से 20 जिलों से इसका संबंध बताया जा रहा है. जैसे किशनगंज, मधुबनी, सुपौल, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण इत्यादि जिलों से होते हुए यह ग्रीन कॉरिडोर गोरखपुर तक जाएगा. बिहार में अब तक कोई भी एक्सप्रेसवे नहीं है. ऐसे में बिहार का विकास भी होगा.
केंद्रीय नागरिक सड़क मंत्रालय ने बिहार को जो मास्टर प्लान भेजा है, उसके जवाब में बिहार सरकार ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार की सहमति हो तो बिहार सरकार ग्रीन एक्सप्रेस वे का निर्माण कर सकती है. लेकिन बिहार सरकार की पृष्ठभूमि को देखते हुए यह ठीक नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि कई पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गए. ग्रीन एक्सप्रेसवे का निर्माण MHAE कर रहा है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. एक बार मास्टर प्लान स्वीकृत होने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और निर्माण कार्य शुरू होगा. इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा.
विकसित भारत 2047 को ध्यान में रखते हुए यह मास्टर प्लान लाया गया है. जहां-जहां से ग्रीन एक्सप्रेस वे गुजरेगा, उन सभी जिलों का विकास होगा. इनमें पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश शामिल है.झारखंड का भी कुछ भाग इसके अंतर्गत आएगा. सिलीगुड़ी को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से सीधा जुड़ जाएगा.
रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेसवे भी शुरू होने वाला है. यह भी प्रस्तावित है और मास्टर प्लान तैयार हो चुका है. इससे भी बंगाल का काफी विकास होगा. यानी सिलीगुड़ी गोरखपुर एक्सप्रेसवे के अलावा रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेसवे का निर्माण भी होगा. यह दोनों ही एक्सप्रेसवे बंगाल को विभिन्न राज्यों के साथ आपसी संबंध को विकसित करने पर जोर देंगे.
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