September 20, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी के गली-मुहल्लों में बिक रहा मादक पदार्थ से लेकर डेंड्राइट तक! शहर को नशे से बचाने के लिए मेयर बनेंगे गौरव शर्मा?

जिस तरह से सिलीगुड़ी में नशे का कारोबार जोर पकड़ता जा रहा है और जिस तरह से नशे का सेवन छोटे बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के बच्चे तक कर रहे हैं, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अगर इसी तरह से नशे का कारोबार यहां चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब सिलीगुड़ी शहर में खुलेआम नशीली वस्तुओं की बिक्री और नशे का सेवन करने वालों की तादाद बढ़ जाएगी.

शाम गहराते ही सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत कई वार्डों में ब्राउन शुगर, गांजा, डेंड्राइट आदि नशीले पदार्थों की बिक्री चोरी छुपे शुरू हो जाती है. सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 7 में यह धंधा खूब चलता है. रात्रि 9:00 बजे के बाद विवेकानंद मार्ग, कोयला डिपो इलाके से लेकर रेल गेट,खालपारा के दूसरे रास्तों में स्थित पान की गुमटियों, मोदीखाने से लेकर कुछ सैलून की दुकानों में भी नशीले पदार्थ मिल जाते हैं.

केवल वार्ड नंबर 7 ही नहीं, सिलीगुड़ी के लगभग सभी वार्डो में कमोबेश एक ही स्थिति है. बाघाजतिन पार्क इलाके में तो खुलेआम शाम ढलते ही कुछ नशेड़ी युवक पार्क में बैठकर नशा करने लगते हैं. और रास्ते से आते-जाते महिलाओं एवं युवतियों पर कमेंट करते रहते हैं.इसके अलावा गुरुंग बस्ती, सिलीगुड़ी जंक्शन इलाके, कुलीपाड़ा, एनजेपी इलाके, दार्जिलिंग मोड, चंपासारी और आसपास के क्षेत्रों में नशे की बिक्री और नशे में डूबते नौजवानों को आप देख सकते हैं.

विभिन्न अध्ययनों से यह स्पष्ट हो गया है कि सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में एक्सीडेंट की ज्यादातर घटनाओं में नशा भी एक प्रमुख जिम्मेदार तत्व है. देर रात को बाइक सवार से लेकर वाहन चालक तक नशे में डूबे रहते हैं. ऐसे में वाहन चलाते समय उन्हें वाहन की गति का अंदाजा नहीं होता. परिणाम स्वरुप दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कोयला डिपो के आसपास छोटे-छोटे बच्चों को डेंड्राइट का सेवन करते आप देख सकते हैं. अगर संभल कर नहीं रहे तो आपके साथ भी कुछ हादसा हो सकता है.क्योंकि नशे में यह लड़के बागी हो जाते हैं और कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं.

सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंतर्गत विभिन्न थानों द्वारा आए दिन नशा और नशे का सेवन करने वालों की गिरफ्तारियां की जा रही है. हालांकि लोगों का यह भी आरोप है कि सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस सिर्फ अपनी पीठ थपथपाने के लिए कुछ लोगों की गिरफ्तारियां तो कर लेती है, परंतु उन पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है. अगर मादक कारोबारियों पर कार्रवाई की जाती तो सिलीगुड़ी में इस तेजी से नशे का कारोबार नहीं फलता फूलता.

सिलीगुड़ी में नशा, नशे के कारोबारी और नशा सेवन करने वालों की तादाद इतनी बढ़ गई है कि यहां के लोगों ने अब सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव से शिकायत की है और उनसे आग्रह किया है कि सिलीगुड़ी में नशा कम करने के लिए आगे आए और पुलिस अधिकारियों को सख्ती बरतने का निर्देश दें. लोगों की शिकायत है कि अगर पुलिस अपना काम निष्पक्ष रूप से और सख्ती के साथ करे तो सिलीगुड़ी के नौजवानों को नशे से बचाया जा सकता है.

पिछले दिनों वार्ड नंबर 7 में मादक विरोधी अभियान शुरू किया गया. इसमें स्थानीय लोगों ने पुलिस की उदासीनता को लेकर मेयर से शिकायत की. गौतम देव ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह इस विषय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करेंगे. इसके अलावा पुलिस कमिश्नर तथा उच्च अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देंगे. उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि वह सिर्फ शहर के रास्तों और नालों को ठीक करने के लिए मेयर नहीं बने है बल्कि शहर को नशे के दलदल से बचाने के लिए भी काम करेंगे. उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के बाद इस संबंध में एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव की पहल पर सिलीगुड़ी नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में नशे के खिलाफ एक अभियान चलाया जाएगा. यह अभियान कुछ ऐसा ही होगा, जिस तरह से सिलीगुड़ी के पूर्व पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा ने say to no ड्रग्स अभियान शुरू किया था. उनके अभियान को पूरी सफलता तो नहीं मिली. पर इसमें कमी जरूर आई थी. हालांकि गौरव शर्मा के तबादले के बाद एक बार फिर से सिलीगुड़ी में नशे का कारोबार तेजी से फलने फूलने लगा.

नशे के इस खेल में सबसे ज्यादा महिलाओं को ही भुगतना पड़ता है. सिलीगुड़ी के लगभग हर दूसरे घर में महिलाएं अपने आदमियों के नशे से परेशान हैं. उनका घर टूट रहा है. रोज घर में हंगामा, मारपीट, गृह क्लेश होते रहते हैं. यही कारण है कि 7 नंबर वार्ड कोयला डिपो की महिलाओं ने सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर को अपने वार्ड की समस्या बताते हुए नशे के खिलाफ एक सशक्त अभियान चलाने की अपील की. महिलाओं का कहना है कि शाम ढलते ही उनका घर से निकलना दूभर हो जाता है. अगर नशीली वस्तुओं के खिलाफ आवाज उठाई जाती है तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती है. यह स्थिति सिलीगुड़ी नगर निगम के लगभग सभी वार्डों में देखी जा रही है.

सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर सी सुधाकर अपनी तरफ से पहल तो कर रहे हैं लेकिन यह दमदार पहल नहीं है. अगर सिलीगुड़ी को नशे से मुक्त अथवा इसमें कमी लानी है तो इसके लिए पुलिस प्रशासन और सिलीगुड़ी के नागरिकों का आपसी सहयोग जरूरी है. जब तक यहां नशे की बिक्री होगी, तब तक नशा उन्मूलन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. जो लोग इस कारोबार में लगे हैं, उनके खिलाफ पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. इसके साथ ही मोटी कमाई करने वाले ऐसे लोगों को सिलीगुड़ी के भविष्य को बचाने के लिए अपनी जमीर को जगाने की आवश्यकता है! बहरहाल सिलीगुड़ी में नशे पर लगाम लगाने के लिए एक और गौरव शर्मा का इंतजार है!

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