September 21, 2025
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी बाजार से क्यों गायब हो गए छोटे नोट!

अगर आप यह सोचते हों कि ₹500 का नोट जेब में रखकर साग सब्जी खरीदने बाजार में जाएं और सब्जी आदि खरीद कर ले आए तो ₹500 का छुट्टा करने में ही दिन में तारे नजर आने लगेंगे. बहुत संभव है कि आपको ₹500 का छुट्टा करने के लिए अतिरिक्त शॉपिंग करनी पड़े. क्योंकि कम से कम सब्जी बाजार में 50, 40 ₹ का सामान लेने पर कोई भी दुकानदार ₹500 का छुट्टा नहीं देगा…

सिलीगुड़ी बाजार में खुदरा की किल्लत महसूस की जा रही है. ₹5, ₹10 और ₹20 का नोट नहीं मिल रहा है. अथवा बहुत कम देखा जा रहा है. इसी तरह से ₹50 का नोट भी कहीं-कहीं मिल रहा है. टोटो, सिटी ऑटो में यात्रा करते समय जेब में खुले पैसे रखना जरूरी है. क्योंकि इन छोटे वाहनों में बड़ा नोट देने पर ये मनमानी किराया काट लेते हैं. टोकने पर बताते हैं कि छूटे पैसे नहीं है.अगर आप खुदरा बाजार में छोटे-छोटे सामान लेने जाएं तो खुदरा पैसा लेकर जाएं. दुकानदार बड़े नोट का खुला करने से मना कर देते हैं. क्योंकि उनके पास भी खुल्ले की किल्लत है.

किसी समय सिलीगुड़ी बाजार में छूटे पैसे की भरमार थी. दुकानदार ₹1, ₹2 का सिक्का नहीं लेते थे. खासकर बस्ती इलाकों में खुले पैसे इतने ज्यादा हो गए थे कि अनेक दुकानदारों ने ग्राहकों से लेना बंद कर दिया था. और आज स्थिति यह है कि दुकानदार ग्राहकों से छूटे पैसे मांगते हैं. अगर बाजार में 50 या 75 रुपए का कोई सामान लेते हैं और ₹500 का नोट दुकानदार को देते हैं तो दुकानदार आपका मुंह देखने लग जाता है और फिर इनकार में सिर हिला लेता है.

एक पंसारी की दुकान से लेकर कपड़े की दुकान तक, फुटकर बाजार से लेकर थोक बाजार तक सर्वत्र खुल्ले पैसे की किल्लत देखी जा रही है. बैंकों में ₹500 के नोट की भरमार है. जबकि ₹10, ₹5, ₹20, ₹50,100 ₹ के नोट नहीं मिलेंगे. बहुत अनुरोध करने पर बैंक छोटे नोट देता है. अन्यथा ₹500 के नोट ही मिलते हैं. एटीएम में भी यही देखा जा रहा है. मशीन से ₹500 के नोट ही निकलते हैं. सवाल यह है कि छोटे नोट कहां गायब हो गए? यह प्रचलन में क्यों नहीं आ रहे हैं?

वहीं पड़ोसी राज्य बिहार में चले जाइए तो खुल्ले पैसे खूब मिल जाएंगे. ₹1, ₹2 ,₹5, ₹10 और ₹20 के नोट या सिक्के खूब मिलेंगे. सिलीगुड़ी के कुछ लोगों ने बताया कि सिलीगुड़ी में जिस समय खुल्ले पैसे की भरमार थी, तब उस समय दुकानदारों ने लेना मना कर दिया था. इससे अनेक लोगों ने खुल्ले पैसों को पड़ोसी राज्य बिहार में ले जाकर चला दिया था. अब समय बदला है तो यहां खुल्ले पैसे की किल्लत हो गई है. हालांकि आधिकारिक तौर पर यह नहीं कहा जा सकता. फिर भी सिलीगुड़ी में हो रही खुले पैसे की किल्लत का कोई कारण समझ में नहीं आ रहा है.

कुछ लोगों के अनुसार सिलीगुड़ी में खुले पैसे की किल्लत का एक प्रमुख कारण बैंकों द्वारा छोटे नोट जारी नहीं किया जाना है. जब बैंकों से छोटे नोट जारी नहीं किए जाएंगे तो बाजार में छोटे नोटों की किल्लत तो होगी ही. यही कारण है कि सिलीगुड़ी के बाजार में छोटे नोट नदारद होते जा रहे हैं. जिन लोगों के पास छोटे नोट हैं भी तो वह निकालना नहीं चाहते हैं. क्योंकि पता नहीं कब छोटे नोटों की आवश्यकता पड़ जाए.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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