पान मसाला और गुटखा व्यवसायियों पर एक बार फिर से कुठाराघात होने जा रहा है. लेकिन यह कुठाराघात केंद्र की ओर से न होकर राज्य की ओर से किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार ने राज्य में पान मसाला और गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे सिलीगुड़ी, कोलकाता, वर्धमान समेत पूरे बंगाल में गुटखा के व्यवसाय में लगे दुकानदारों और गुटखा निर्माताओं के व्यवसाय पर भारी असर पड़ने वाला है.
सिलीगुड़ी, कोलकाता और राज्य के विभिन्न शहरों में पान मसाला और गुटखा का कारोबार खूब चलता है. सिलीगुड़ी और पूरे राज्य में गुटखे व पान मसाले की खपत सर्वाधिक है. इस व्यवसाय से हजारों परिवारों की रोजी-रोटी चलती है. कल राज्य सचिवालय नवान्न की तरफ से गुटखा व पान मसाले पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी कर दिया गया.
पान मसाले और गुटखा पर प्रतिबंध लगाने के पीछे जो कारण बताया गया है वह कोई नया नहीं है. यह सभी जानते हैं कि पान मसाला और गुटखा खाने से कैंसर और कई दूसरे खतरनाक रोग होते हैं. क्योंकि गुटखा और पान मसाले में तंबाकू और निकोटिन जैसे पदार्थ होते हैं. इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. केंद्र सरकार के गाइडलाइन में भी यह बात है. व्यवसाईयों की तरफ से सवाल किया जा रहा है कि यह कोई नई बात तो है नहीं, जिसको ध्यान में रखकर गुटखे और पान मसाले की बिक्री की जाती है. फिर बंगाल सरकार ने इसको आधार बनाकर अलग से इस पर प्रतिबंध लगाकर क्या साबित करना चाहती है.
पान मसाला और गुटखा का कारोबार करने वाले कुछ व्यवसाईयों और दुकानदारों ने बताया कि आश्चर्य है कि राज्य सरकार ने वही बात बताई है जो केंद्र सरकार बताती आ रही है. केंद्र के पुराने गाइडलाइंस के अनुसार पान मसाला और गुटखा का निर्माण और बिक्री की जाती है. इसके निर्माण में पान मसाला और गुटखे का विशेष ध्यान रखा जाता है. और जर्दा तथा गुटखा अलग-अलग बेचा जाता है. ऐसे में सरकार इस पर प्रतिबंध क्यों लगाना चाहती है. यह बात दुकानदारों और व्यवसाईयों की समझ से परे है.
राज्य सरकार ने अपने निर्देश में गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का जो कारण बताया है, वह तंबाकू और निकोटिन जैसे पदार्थों के इसमें शामिल होना बताया है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. ऐसे में पान मसाला और गुटखा के उत्पादन, भंडारण, वितरण, बिक्री पर 1 साल के लिए रोक लगाई जा रही है. यह निर्देश 7 नवंबर 2024 से पूरे राज्य में लागू हो जाएगा.
जानकार मानते हैं कि राज्य सरकार के नए फरमान में नया कुछ नहीं है. पान मसाला और गुटखा व्यवसाय करने वालों को परेशान करना है. अथवा उन्हें ब्लैकमेल करना है. ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े व्यापारी राज्य सरकार के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)