सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज जहां मेडिकल के छात्र अपने पाठ्यक्रम को पूरा कर खुद को एक चिकित्सक के रूप में स्थापित करते हैं, लेकिन वहीं मेडिकल कॉलेज बार-बार थ्रेट कल्चर के मामले को लेकर गर्मा रहा है | बता दे कि, कुछ महीने पहले ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में थ्रेट कल्चर का मामला इतना गर्मा गया था कि, इसको लेकर पांच छात्रों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था, लेकिन इन निलंबित छात्रों को कोलकाता उच्च न्यायालय की ओर से राहत मिल गई है | 19 तारीख को कोलकाता हाई कोर्ट की ओर से इन निलंबित छात्रों के निलंबन के फैसले को रोक दिया गया, साथ ही जिसमें आरोपियों को कक्षा में उपस्थित होने और सेमेस्टर परीक्षा देने की अनुमति मिल गई है | जैसे ही यह फैसला कोलकाता हाई कोर्ट ने सुनाया उसके बाद से ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में तनाव का माहौल फिर से बनने लगा | आज छात्रों ने इस मामले को लेकर प्रिंसिपल के कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया | उन्होंने इस दौरान आरोप लगाया कि, जिस तरह से कोलकाता हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर झूठी दलीलें पेश की गई, वह सरासर गलत है, क्योंकि इस मामले को लेकर कॉलेज काउंसलिंग ने एनएमसी गाइडलाइन के अंतर्गत एक कमेटी का गठन किया और संवैधानिक नियम के अनुसार आरोपी छात्रों को निलंबित करने का फैसला लिया था | लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट में इस बात को पूरी तरह उजागर नहीं किया गया | यदि उन आरोपी छात्रों को इसी तरह से छोड़ दिया गया, तो जो छात्र थ्रेट कल्चर का शिकार हो रहे हैं, उन छात्रों का कानून व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा, वे दोबारा कभी भी न्याय की मांग नहीं करेंगे | इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने यह भी बताया कि, उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में थ्रेट कल्चर का मामला अब भी जारी है, जो छात्र थ्रेट कल्चर का शिकार हो रहे है, वो डर के कारण शिकायत दर्ज नहीं कर रहे है |
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