सेवक रंगपो रेल नेटवर्क का काम तो लगभग समाप्त हो चुका है. अब बात करिए गंगटोक का. गंगटोक भी राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है. सिक्किम की तकदीर रेलवे मंत्रालय लिखने जा रहा है. पूर्वोत्तर का यह इलाका आज विकास और पहचान के लिए मोहताज नहीं है. सिक्किम आज खुश है. मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग और सांसद सुब्बा रेल मंत्रालय और केंद्र सरकार पर मेहरबान दिख रहे हैं.वे केंद्र सरकार की प्रशंसा करते नहीं थक रहे.
रेल मंत्रालय ने संसद में स्पष्टीकरण दे दिया है कि 2025 तक रेल नेटवर्क गंगटोक तक पहुंच जाएगा. सेवक रंगपु रेल लाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है. केवल 3 किलोमीटर सुरंग खोदने का काम ही बाकी रह गया है. अगला चरण रंगपु से लेकर गंगटोक तक रेल नेटवर्क विस्तार का है. इस परियोजना के लिए फाइनल लोकेशन के सर्वे का काम पूरा हो चुका है.सिक्किम के लिए इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है. यही कारण है कि संसद में सिक्किम के सांसद सुब्बा फूले नहीं समा रहे थे.
44 किलोमीटर लंबी सेवक रंगपो रेल परियोजना पर अनुमानित लागत 12132 करोड़ रुपए अब तक आ चुकी है. मार्च 2024 तक इस पर 7032 करोड रुपए खर्च हो चुका है. मार्च 2023 24 तक के लिए 7032 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं.वित्तीय वर्ष 2025 के लिए 2330 करोड रुपए का आवंटन किया गया है. इस परियोजना में 39 किलोमीटर सुरंग खुदाई का काम पूरा हो चुका है. केवल 3 किलोमीटर का काम बाकी रह गया है. इस परियोजना की अंतिम रूप देने में
इस परियोजना को अंतिम रूप देने में इसलिए वक्त लग रह रहा है क्योंकि यहां के हालात भौगोलिक वातावरण भूगर्भीय स्थिति इत्यादि सब भिन्न है मजदूरों को काम करते हुए विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है कुछ ही समय पहले यहां भूस्खलन और वर्षा के कारण काम को रोक दिया गया था