November 29, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

एक धर्म प्रचारक कैसे बन गया देश का गद्दार?

फ्रांसिस एक्का से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही है. वह 5 दिनों के रिमांड पर है. गुप्तचर टीम विभिन्न एंगल से पूछताछ में लगी है. भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर की खुफिया टीम ने मिरिक के पानी घटा से फ्रांसिस इक्का को गिरफ्तार किया था. वह वन विभाग में वॉलिंटियर के रूप में कार्यरत था. उस पर आरोप है कि वह देश की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण कागजात और खुफिया जानकारियां विदेशी ताकतों को बेच रहा था.

हालांकि अब पता चला है कि वह अकेले यह काम नहीं करता था. यह स्वाभाविक भी है कि एक साधारण आदमी देश की सुरक्षा से संबंधित इतनी बड़ी हिम्मत नहीं कर सकता है. जरूर इसके पीछे कई बड़े लोग हो सकते हैं. खुफिया विभाग फ्रांसिस इक्का के जरिए बड़े लोगों पर तक पहुंचना चाहता है.फ्रांसिस इक्का से पूछताछ के क्रम में यह पता चला है कि बिहार के मुंगेर जिले से एक मास्टरमाइंड उससे यह काम करवा रहा था. बहुत से राज खुलना बाकी है.

सिलीगुड़ी समतल और पहाड़ में हर कोई चकित है कि वन विभाग का एक साधारण वॉलिंटियर इतना बड़ा खेल कैसे कर गया? कई सवाल उठ रहे हैं. क्या सेना के कुछ ऑफिसर इसमें शामिल नहीं हो सकते हैं? क्या कोई एक साधारण आदमी बिना किसी बड़े आदमी की सहायता के देश की सुरक्षा का कच्चा चिटठा विदेशी ताकतों को सौंप सकता है? क्या पैसा कमाना ही इसका मकसद था? अथवा कुछ और? क्या कोई आतंकवादी संगठन फ्रांसिस इक्का को डरा धमका रहा था?

फ्रांसिस एक्का ने 2005 में अपनी मां की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर फॉरेस्ट विभाग में वालंटियर के रूप में नौकरी शुरू की थी. वह नक्सलबाड़ी का बेलगाछी गांव का रहने वाला है. पहले वह एक धर्म प्रचारक था. वह ईसाई धर्म का प्रचार करता था. इसलिए लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि एक धर्म प्रचारक कैसे देश का गद्दार बन गया? वह शादीशुदा भी है. लेकिन उसकी पत्नी अमृता एक्का स्थानीय पंचायत समिति की सदस्य भी है. इसलिए राजनीति भी इस पर शुरू हो गई है.

फ्रांसिस एक्का पर डीआरडीओ रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की महत्वपूर्ण जानकारियां और गोपनीय दस्तावेज विदेशी ताकतों के हाथों बेचने का आरोप लगाया जा रहा है. हालांकि इसमें कितनी सत्यता है, यह तो जांच का विषय है. परंतु इतना तय है कि एक ईसाई धर्म प्रचारक को देश की रक्षा में सेंध लगाने का इतना बड़ा साहस अकेला नहीं हो सकता है.

पिछले कुछ समय से भारतीय सेना और गुप्तचर विभाग में कुछ लोगों की एंट्री हो गई है, जिनका ना कोई ईमान है और ना धर्म. हमारी सेना ऐसे ही लोगों के चलते कई बार खतरे में पड़ जाती है. कभी-कभी दुश्मन देश ऐसे लोगों को अपना भेदिया बनाकर अपने मनसूबे पूरे अपनी की कोशिश करता है. इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. ऐसे लोग कोई भी हो, इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. देश के गद्दारों की सजा होनी चाहिए. यह नहीं देखना चाहिए कि वह किस पार्टी से जुड़ा है.

अगर फ्रांसिस इक्का की पत्नी टीएमसी से है तो यह कहना कि टीएमसी देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले का साथ दे रही है और आतंकवाद को समर्थन दे रही है, गलत है. ना भाजपा को इस पर राजनीति करने का हक है और ना ही टीएमसी को. बेहतर होगा कि दोनों ही पार्टियों के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप से बचें. और जो सच्चाई है उसे स्वीकार करें. अब देखना है कि फ्रांसिस एक्का के तार और किन-किन लोगों से जुड़े हैं. उन सभी का भंडाफोड़ होना जरूरी है. खुफिया अधिकारी इस मुहिम में जुट गए हैं. जल्द ही मुंगेर से कुछ और विस्फोटक जानकारियां सामने आ सकती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *