December 8, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

केंद्र के सहयोग के बगैर सिलीगुड़ी में All Is Not Good!

सिलीगुड़ी शहर तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है. यहां हर चीज उपलब्ध है.आधुनिक बाजार,इमारतें, मॉल, शॉपिंग सेंटर, थिएटर, शिक्षा केंद्र,व्यापार और सब कुछ जो आधुनिक समय में एक इंसान की आवश्यकता मानी जाती है.लेकिन इन सभी विकास कार्यों के अलावा सिलीगुड़ी में कुछ ऐसी बुनियादी चीज हैं, जिसके विकास के लिए सिलीगुड़ी के नागरिक इंतजार कर रहे हैं.

उदाहरण के लिए सिलीगुड़ी में रेलवे की भूमि भी है, जहां राज्य सरकार कोई काम नहीं कर सकती. इसके अलावा केंद्र सरकार के कई कार्यालय भी हैं. जैसे भारत पैट्रोलियम, राष्ट्रीय सुरक्षा के संस्थान जहां राज्य सरकार चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती है. इन केंद्रीय संस्थानों के द्वारा सिलीगुड़ी नगर निगम को संपत्ति कर भी नहीं दिया जाता है और ना ही केंद्रीय संस्थान द्वारा डेवलपमेंट के लिए कोई पहल की जाती है.गौतम देव ने सवाल उठाया है कि ऐसे में राज्य सरकार और स्थानीय शासकीय इकाई अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है

. मेयर गौतम देव ने वित्त आयोग से शहरी विकास के लिए फंड की राशि बढ़ाने और जारी करने की मांग की है. ताकि सिलीगुड़ी शहर के लिए एक अच्छा भौगोलिक वातावरण भी खड़ा किया जा सके. यहां पेयजल व्यवस्था ऐसी है कि लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिलता ह. फंड के अभाव में सिलीगुड़ी नगर निगम कोई बड़ा प्रोजेक्ट शुरू नहीं कर सकती है. केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच शुरू से ही 36 का रिश्ता रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाती रही है.

किसी भी शहर का संपूर्ण विकास अकेले राज्य सरकार की योजनाओं से संभव नहीं है. जब तक केंद्र सरकार शहर के विकास को महत्व नहीं देती है, तब तक इसकी संपूर्ण क्षमता आ ही नहीं सकती. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव इस बात को अच्छी तरह समझते भी हैं. यही कारण है कि 16 वें वित्त आयोग की बैठक में उन्होंने यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि केंद्र सरकार को सिलीगुड़ी के महत्व के बारे में समझना चाहिए. दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित भारत के नगर पालिकाओं और नगर निगम के मेयर,नगर पालिका चेयरपर्सन की एक बैठक हुई थी. इस बैठक में मेयर गौतम देव ने वित्त आयोग से मांग की कि सिलीगुड़ी को क्यों महत्व दिया जाना चाहिए.

पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला सिलीगुड़ी शहर कई देशों की सीमाओं से घिरा हुआ है. नेपाल ,भूटान, बांग्लादेश की सीमा पर स्थित सिलीगुड़ी शहर चिकन नेक भी कहा जाता है.मूल रूप से यहां व्यवसाय होता है. इंडस्ट्री की कमी है.चाय बागान और लकड़ी का कारोबार ज्यादा होता है.सिलीगुड़ी में संपूर्ण विकास के लिए केंद्र सरकार की मदद की आवश्यकता होती है. जैसे राष्ट्रीय सड़क निर्माण कार्यक्रमों में केंद्र की पूरी भागीदारी होती है. राज्य अपनी सीमा तक ही विकास कार्य कर सकता है. केंद्र कई विकास कार्यों के लिए राज्य को धन उपलब्ध कराता है. इसके अभाव में शहर का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता. हा

हाल ही में केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को सड़क निर्माण के लिए फंड रिलीज किया है. इस फंड से अंदरुनी ग्रामीण सड़कों का विकास किया जाएगा. सिलीगुड़ी शहर में खेल मैदान, पार्क, पेयजल आदि के लिए धन चाहिए जो नगर निगम के पास नहीं है. सिलीगुड़ी नगर निगम विकास कार्यों के लिए संपत्ति कर लगाती है. केंद्रीय संस्थानों से संपत्ति कर नहीं मिल रहा है. यह गौतम देव का आरोप है. इसके अलावा राज्य का बकाया केंद्र के द्वारा ही भुगतान किया जाता है. जब समय पर पैसा नहीं मिलता है तो राज्य सरकार भी हाथ खड़े कर लेती है.

सिलीगुड़ी का विकास इसलिए भी जरूरी है कि यह सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. पूर्वोत्तर जाने का यह मुख्य रास्ता है. ऐसे में सिलीगुड़ी का विकास होना ही चाहिए. अब तक जो विकास हो रहा है वह संपूर्ण नहीं है. संपूर्ण विकास तभी होगा जब केंद्रीय सरकार सिलीगुड़ी को विशेष महत्व दे. अब देखना होगा कि वित्त आयोग गौतम देव के मंतव्य को कितना महत्वपूर्ण स्थान देता है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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