सिलीगुड़ी शहर की सुरक्षा और ट्रैफिक दबाव कम करने के जिस मकसद से इस्टर्न बाईपास का निर्माण वर्षों पहले किया गया था, वह सुरक्षा की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है. इस बाईपास पर अनेक सड़क दुर्घटनाएं घटित हो चुकी हैं. कई लोगों की जानें गई हैं. जब जब यहां कोई सड़क दुर्घटना होती है तो प्रशासन की ओर से बड़ी-बड़ी बातें कही जाती है. लेकिन कुछ दिनों के बाद सब कुछ ठंडा पड़ जाता है. मौजूद हाल यह है कि अगर प्रशासन ने इस बाईपास सड़क मार्ग पर ध्यान नहीं दिया तो दुर्घटना होते देर नहीं लगेगी.
इस समय सर्दी के कारण वातावरण में धुंध और कोहरा रहता है. सड़क की अवस्था कई स्थानों पर शोचनीय है. ऊपर से वातावरण में धुंध और कोहरा रहने से दिन में भी बत्ती जलाकर वाहनों को गुजरना पड़ता है. कभी-कभी मौसम ज्यादा खराब हो जाए तो पूरे रास्ते में अंधेरा पसरा रहता है. कहने के लिए तो यहां रोड लाइट की भी व्यवस्था है, पर वह नाम मात्र का और लापरवाही इतनी कि यह देखने वाला भी कोई नहीं है कि अंधेरे में बत्ती जल रही है अथवा दिन के उजाले में. इस्टर्न बाईपास का रखरखाव भगवान भरोसे है. बिजली, सड़क निर्माण विभाग कोई भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है.
ईस्टर्न बायपास इलाके में कई प्रमुख बाजार और हाट जैसे एकटिया साल, साहूडांगी हाट आते हैं. इसके अलावा कई प्रमुख मोड और बाजार भी सड़क पर ही लगते हैं. आशीघर मोड, बाणेश्वर मोड, गोरा मोड आदि सभी रोड के किनारे ही लगते हैं. बिजली विभाग की ओर से यहां कई प्रमुख मोड और चौराहों पर बत्तियों की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. रोड लाइट व्यावसायिक क्षेत्र में तो ठीक-ठाक है. लेकिन महत्वपूर्ण इलाकों में नदारद रहती है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों की लापवाही तो पूछिए ही मत.एक तो पर्याप्त संख्या में बत्ती है नहीं और जो थोड़ी लाइटें हैं, वे दिन में भी जलती रहती हैं. कौन सी बत्ती जलती है, कौन सी बत्ती नहीं जलती है, यह देखने वाला भी कोई नहीं है. खबर समय की ओर से ईस्टर्न बायपास भक्ति नगर से लेकर गोरा मोड तक की यात्रा में अनेक प्रशासनिक विसंगतियां और सरकारी कर्मियों की लापरवाही का मंजर देखा गया. अगर ऐसा ही हाल रहा तो बहुत जल्द इस मार्ग पर कोई अनहोनी का समाचार सुनने को मिले तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
खबर समय ने पाया कि सड़क के अधिकांश हिस्से अंधेरे में डूबे रहते हैं.कोहरे का दौर शुरू हो गया है. ऐसे में दिन में भी धुंध और कोहरा बना रह सकता है. वाहन चालक अगर सावधानी से गाड़ी नहीं चलाएंगे तो सड़क दुर्घटना होते देर नहीं लगेगी. संबंधित अधिकारियों और विभाग को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए. एक राहगीर ने बताया कि इस सड़क पर पैदल चलने में भी डर लगता है. पता नहीं कब कौन सी गाड़ी आंधी की तरह आए और कुचल कर निकल जाए.
यहां के कुछ लोगों ने यह भी बताया कि मौजूदा समय में ईस्टर्न बायपास चोरों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है. इस राह से रात में गुजरने वाले लोगों को चोरों और असामाजिक तत्वों का खतरा बना रहता है. यहां के लोग मांग करते हैं कि प्रशासन और संबंधित अधिकारी शीघ्र से शीघ्र स्थिति का अवलोकन करें और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय करें.
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