सेवक रंगपो रेलवे प्रोजेक्ट का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ कि मल्ली से देंताम तक नई रेल लाइन बिछाने को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. सिक्किम के लोग पहले से ही इसकी मांग करते आ रहे हैं. एक तो प्रस्तावित रेल प्रोजेक्ट कम खर्चीला और सेवक रंगपु जैसा संवेदनशील भी नहीं है और दूसरे में पर्यटन के हिसाब से भी यह एक वैकल्पिक रेल मार्ग हो सकता है, जो व्यापार और पर्यटन को विस्तार देगा. ऐसा माना जा रहा है कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के विचार को सिक्किम के सांसद इंद्र हाग सुब्बा मूर्त रूप देना चाहते हैं.
पिछले दिनों इस प्रस्ताव को लेकर सुब्बा ने नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और उन्हें बताया कि अगर मल्ली से देंताम तक रेल प्रोजेक्ट पर काम किया जाए तो सिक्किम खासकर पश्चिम सिक्किम को मुख्य धारा से जोड़ने में मदद मिलेगी. अब तक पश्चिम सिक्किम उद्योग, बेहतर कनेक्टिविटी, रोजगार और व्यापार से दूर रहा है. लेकिन नई रेल परियोजना को सतह पर उतारा जाता है, तो सिक्किम के विकास को एक नई गति और दिशा मिलेगी.
सेवक र॔गपु रेलवे लाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है. यह सिक्किम को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करेगा. जहां तक प्रस्तावित वैकल्पिक रेलवे रूट का प्रश्न है, तो नामची जिले के मल्ली से गेजिंग जिले के देंताम तक रेलवे लाइन बिछाई जाती है तो सिक्किम को किसी एक रेल रूट पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा और इस तरह से सिक्किम के विकास को गति मिलती रहेगी. वह चाहे व्यापार हो, पर्यटन हो या फिर रोजगार. रेल मंत्री को भी सिक्किम के सांसद का यह आइडिया और प्रस्ताव अच्छा लगा है. सिक्किम के सांसद द्वारा प्रस्तावित रेलवे लाइन के अध्ययन और निर्माण की मांग पर केंद्रीय रेलवे मंत्री का सकारात्मक जवाब सामने आया है
सांसद सुब्बा के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार रेल मंत्री ने मल्ली से देंताम तक नई रेलवे लाइन परियोजना के लिए प्रारंभिक अध्ययन का निर्देश अधिकारियों को दिया है. रेल मंत्री ने अपने अधिकारियों से कहा है कि वे जल्द से जल्द इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करें और यह पता लगाए कि नई रेल परियोजना से पश्चिम बंगाल और सिक्किम को कितना लाभ हो सकता है और यह कितना अधिक सुरक्षित हो सकता है.
इससे पहले सिक्किम की ओर से केंद्रीय रेल मंत्री को एक पत्र लिखा जा चुका है. इस पत्र में इस बात का जिक्र किया गया था कि मल्ली से देंताम तक रेल लाइन का विस्तार सेवक रंगपु परियोजना का एक रणनीतिक विस्तार कहा जा सकता है. आपको बता दे कि प्रस्तावित रेल रूट रंगित नदी के किनारे लेगशप और कलेज नदी के किनारे होते हुए देंताम तक जाता है. यह प्रस्तावित रेल मार्ग सेवक रंगपो की तुलना में कम चुनौती पूर्ण भी है.नई रेल परियोजना पर काम शुरू होने से पर्यटकों को घूमने का एक नया अनुभव प्राप्त होगा.
यूं तो रेलवे मंत्री ने सिक्किम के सांसद को आश्वासन जरूर दिया है. परंतु ऐसा नहीं है कि यह काम इतनी जल्दी होगा. क्योंकि पहले से ही सेवक रंगपो रेल परियोजना पर काम चल रहा है. फिर रंगपु से लेकर गंगटोक तक प्रस्तावित रेल रूट पर काम होगा. जो 2025 तक खत्म होने के आसार हैं. उसके बाद इसका विस्तार नाथुला तक किया जाएगा.
जानकार मानते हैं कि केंद्र सरकार उससे पहले सिक्किम में नई रेल परियोजना को हरी झंडी नहीं देगी. हालांकि इस पर दावे के साथ कुछ कहना गलत होगा. जो भी हो,अगर सिक्किम में रेलवे नेटवर्क का विस्तार होता है तो यह सिक्किम के साथ-साथ बंगाल के लिए भी काफी लाभदायक होगा. पश्चिम सिक्किम के दूर दराज इलाकों को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने में मदद मिलेगी. वहां औद्योगिक विकास, व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.इसके साथ ही पश्चिम सिक्किम के पर्यटक स्थल पर्यटकों को आकर्षित करेंगे.
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