December 19, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

क्रिसमस के लिए सज रहा है सिलीगुड़ी शहर!

जिंगल बेल, जिंगल बेल… जिंगल ऑल द वे. सांता क्लॉज़ इज कमिंग टू टाउन. राइडिंग आन ए स्लेव..

आजकल सिलीगुड़ी की दुकानों में इस धुन को सुना जा सकता है. खरीदारी करने आए ग्राहक इस धुन को सुनकर खुद ब खुद दुकान की तरफ मुड़ने लगते हैं.दुकानों में सांता क्लाज और क्रिसमस के बहुत से गिफ्ट देखे जा सकते हैं. इन क्रिसमस उपहारों में सांता क्लाज की टोपी, ड्रेस, मुकुट, कस्टमाइज्ड गिफ्ट, क्रिसमस डॉल, क्रिसमस ट्री, कैंडी, बच्चों के लिए छोटे गिफ्ट, लाइट्स ,क्रिसमस स्टार इत्यादि और बजते गीत क्रिसमस का शिद्दत से एहसास कराते हैं.

सिलीगुड़ी की सड़कों पर सांता क्लॉज घूमने लगे हैं. उनके थैले में बच्चों के लिए गिफ्ट्स होते हैं. वे शांति और खुशी का संदेश दे रहे हैं. ये सांता क्लॉज शांति के प्रतीक है. मुश्किल हालातो में जीना और आगे बढ़ते जाना सिखाते हैं. सांता क्लॉज लोगों को ईसा मसीह का संदेश देते हैं. ट्रैफिक पुलिस सांता क्लाज के सहारे वाहन चालकों को ट्रैफिक नियम भी समझा रही है. ट्रैफिक नियम तोड़ने पर चालान काटने के बजाय गुलाब के फूल भी भेंट कर रही है. कम से कम यह नजारा पश्चिम बंगाल के अन्य शहरों में जरूर देखा जा सकता है. सिलीगुड़ी में भी अगले एक-दो दिनों में बहुत से सांता क्लाज विभिन्न क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा और प्रसन्नता के संदेश देंगे.

क्रिसमस के उपलक्ष में सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन की ओर से सड़कों पर रोशनी की सजावट की व्यवस्था की गई है. सिलीगुड़ी के सभी प्रमुख चौक चौराहों पर क्रिसमस के उपलक्ष में विशेष लाइटों को सजाया जाएगा. हालांकि इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. सिलीगुड़ी के एयरव्यू मोड, सिलीगुड़ी जंक्शन और अन्य इलाकों में सड़कों तथा विशेष केंद्रो में विशेष लाइटों का प्रबंध किया गया है. अथवा किया जा रहा है.जहां-जहां चर्च स्थित है, वहां की सड़कों और आसपास के इलाकों में भी रोशनी का इंतजाम है.

हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार दुनिया भर में मनाया जाता है. क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्यौहार है. लेकिन बंगाल में विभिन्न समुदाय एवं धर्म के लोग मिलकर दूसरे पर्वों की तरह क्रिसमस मनाते आए हैं. एक हफ्ते से भी कम समय रहने के कारण सिलीगुड़ी में क्रिसमस की जोर-शोर से तैयारी शुरू हो गई है. शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित गिरिजा घरों में रंग रोगन और सजावट का काम जोर-शोर से चल रहा है.

इस बीच कोलकाता स्थित एलेन पार्क में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में क्रिसमस समारोह का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर विभिन्न स्थानों से आई लड़कियों ने समारोह में भाग लिया. समारोह में ईसाई समुदाय के विद्वान और फादर्स उपस्थित थे. समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार तो सिर्फ बयान बाजी करती है. उन्होंने कहा कि बंगाल में सभी धर्मो का स्वागत होता है. उन्होंने कहा कि क्रिसमस का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा. इसके लिए उन्होंने एलन पार्क के आसपास 24 और 25 दिसंबर को सड़क पर गाड़ियों के चलने पर प्रतिबंध लगाने की भी बात कही.

सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में प्रमुख रूप से गिरिजाघर प्रधान नगर, डान बॉस्को और माटीगाड़ा स्थित यीशू आश्रम और बागडोगरा में स्थित है. प्रत्येक साल 25 दिसंबर को क्रिसमस के अवसर पर Donbasco स्थित चर्च से क्रिसमस की झांकियां निकाली जाती है, जो बागडोगरा स्थित बिहार मोड तक जाती है. सांता क्लॉज बच्चों में मिठाइयां और छोटे-छोटे गिफ्ट्स बांटते हैं और लोगों में स्वास्थ्य और खुशी का संदेश देते हैं. बच्चे सांता क्लॉज को काफी पसंद करते हैं.

सिलीगुड़ी के बिधाननगर, महावीर स्थान, सालूगाड़ा और विभिन्न इलाकों में स्थित बाजारों में क्रिसमस की खरीदारी देखी जा सकती है.बच्चों में व्यापक उत्साह देखा जा रहा है. क्रिसमस के उपलक्ष में विभिन्न तरह के बेचे जा रहे आइटम बच्चों को प्रभावित कर रहे हैं. क्रिसमस ट्री और क्रिसमस स्टार की बिक्री ज्यादा देखी जा रही है. सांता क्लाज के ड्रेस भी बच्चों और बड़ों को पसंद आ रहे हैं.

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु यीशु की याद में मनाया जाता है. 25 दिसंबर को प्रभु यीशु का जन्म हुआ था. ऐसी मान्यता है कि यीशु का जन्म बेथलेहम शहर में हुआ था. मान्यता है कि सबसे पहले क्रिसमस का त्यौहार रोम शहर में मनाया गया था. ईसाई धर्म को मानने वाले लोग 25 दिसंबर को चर्च में जाकर बाइबल पढ़ते हैं और मामबत्तियां जलाकर यीशु का जन्मदिन प्रेम और सद्भावना के साथ मनाते हैं. क्रिसमस का पेड़ लगाना भी ईसाई धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *