सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में आईटी का अब तक कोई स्कोप नहीं रहा है. यही कारण है कि सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में बेरोजगारी की समस्या कुछ ज्यादा ही है. कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग को लेकर आईटी हब की बात कही थी. जो भी हो, अब कुछ ही दिनों में सिलीगुड़ी के नक्शे में एक रंग भरने जा रहा है.
वेस्ट बंगाल इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के द्वारा सिलीगुड़ी में प्रथम डिजिटल डाटा सेंटर स्थापित करने का फैसला किया है. Webel राज्य सरकार के अंडरटेकिंग है. इसके द्वारा पहले भी दो समानांतर सेंटर चालू किये जा चुके हैं, जो कोलकाता और पुरूलिया में स्थित है और डाटा संग्रह का काम सफलतापूर्वक करते हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 98 करोड रुपए की अनुमानित लागत से Webel सिलीगुड़ी में डाटा सेंटर खोलने जा रहा है. हालांकि पिछले दिसंबर में ही खोले जाने की बात थी. परंतु कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण यह समय पर खोला नहीं जा सका था. पर अब जैसा कि संकेत मिल रहा है, कुछ ही हफ्ते में सिलीगुड़ी में स्थापित हो जाएगा. इ
इस केंद्र के खुलने से इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी. इसका कंप्यूटिंग पावर 160 पेटा फ्लॉप्स है. कंप्यूटर की गति मापने की petaflop एक इकाई होती है. सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार स्टार्टअप्स और आईटी कंपनियों को बहुत ही कम कीमत पर इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में इसका उपयोग करने की अनुमति देगी.
यह बात Webel के सेवानिवृत मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कुमार दास ने कुछ दिनों पहले ही बताई थी. वर्तमान में वेबेल के एमडी पोस्ट पर सुमन सहाय की नियुक्ति हुई है. सिलीगुड़ी में डाटा सेंटर खुलने से निश्चित रूप से यहां आईटी कंपनियों को कुछ नए अनुसंधान और क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में कुछ कर दिखाने का प्रोत्साहन मिलेगा. इससे इसका विस्तार होगा और सिलीगुड़ी तथा उत्तर बंगाल के युवाओं को रोजगार और नौकरी के क्षेत्र में अवसर प्राप्त होंगे.
CII एजुकेशन पैनल और आईटी के चेयरमैन रणदीप भट्टाचार्य ने बताया कि केंद्र सरकार यहां स्टार्ट अप्स तथा आईटी कंपनियों को उनके डाटा प्रोसेस और स्टोर में सहायता करेगी. उन्होंने कहा कि इसका लाभ राज्य सरकार को भी मिलेगा. राज्य सरकार अपने डेटा संग्रह को और अधिक सुरक्षित करने में इसकी सहायता ले सकेगी. इसमें कोई शक नहीं है कि प्रदेश में दूसरे क्षेत्रों की तुलना में उत्तर बंगाल में आईटी सेक्टर काफी पिछड़ा हुआ है. पर अब उम्मीद की एक किरण जरूर दिखने लगी है. इससे यहां के युवाओं का आत्मविश्वास भी बढा है.
जानकार मानते हैं कि सिलीगुड़ी एक ऐसा क्षेत्र है जहां भौगोलिक और आर्थिक पोटेंशियल को बढ़ाकर काफी विकास किया जा सकता है. इस लिहाज से विबेल का यह प्रोजेक्ट सिलीगुड़ी के विकास को एक नई दिशा दिखाएगा. यह उम्मीद की जानी चाहिए कि नए डाटा सेंटर आईटी निवेश और रोजगार के नए-नए क्षेत्र उत्पन्न करेगा. जहां युवाओं की बहुत सी समस्याओं का समाधान होगा. इसके अलावा डिजिटल सॉल्यूशन में गति आएगी. आईटी कंपनियों को विस्तार का अनुकूल अवसर प्राप्त होगा.
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