February 22, 2025
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घटना

भुवनेश्वर के कलिंगा इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी की नेपाल की छात्रा की रहस्यमय मौत का क्या है सच?

भुवनेश्वर के कलिंगा इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी संस्थान में पढ़ने वाली नेपाल की छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि भारत से लेकर नेपाल तक की सरकारों की बेचैनी बढ़ गई है. पिछले दो दिनों से यह मामला नेपाल के अखबारों की सुर्खियां बना हुआ है. हालांकि अब मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मामला शांत पड़ रहा है. नेपाल के सरकारी टेलीविजन स्टेशन नेपाल टेलीविजन में केआईआईटी के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर शरणजीत सिंह का माफी मामा प्रकाशित किया गया है.

यह मुद्दा नेपाल की संसद में भी उठाया गया. नेपाल के एक अंग्रेजी अखबार काठमांडू पोस्ट ने भी इस मुद्दे को लेकर कई रिपोर्ट्स प्रकाशित की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों से 20 साल की छात्रा प्रकृति लामसाल के लिए इंसाफ की आवाज उठाई जा रही है. नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने भी एक बयान जारी किया है.

विभिन्न मीडिया रिपोर्टो से पता चलता है कि उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी यानी कि केआईआईटी में नेपाल की एक छात्रा की संदिग्ध मौत से पैदा हुआ तनाव अब शांत होने लगा है. कॉलेज के संस्थापक से लेकर कुलपति और रजिस्ट्रार की ओर से घटना पर दुख व्यक्त किया गया है और प्रदर्शनकारी नेपाली छात्रों से माफी मांगी गई है. इसके बाद नेपाली छात्रों ने हॉस्टल में लौटना शुरू कर दिया है. नेपाल के अखबार कांतिपुर ने इस बात का दावा किया है. अखबार में बात छपी है कि 18 फरवरी तक 60 नेपाली छात्र हॉस्टल में लौट चुके थे.

16 फरवरी की शाम को बीटेक थर्ड ईयर की एक नेपाली छात्रा का शव केआईआईटी भुवनेश्वर के हॉस्टल में पाया गया था. यहां नेपाल की एक छात्रा जिसका नाम प्रकृति लामसाल है, हॉस्टल में रहते हुए अपनी पढ़ाई कर रही थी. इस घटना के खिलाफ कैंपस में नेपाल के छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. उनका आरोप था कि छात्रा की बैच का ही एक भारतीय छात्र उसे प्रताड़ित कर रहा था. लेकिन कई शिकायतों के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी.

नेपाली छात्रों का विरोध प्रदर्शन चलता रहा. इससे विश्वविद्यालय परिसर में तनाव बढ़ने लगा. चर्चा यह है कि नेपाली प्रदर्शनकारी छात्रों को 17 फरवरी 2025 तक कैंपस खाली करने का आदेश दिया गया. हालांकि बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से कैंपस वापस लौटने और फिर से पढ़ाई शुरू करने की अपील की. दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास से उड़ीसा पहुंचे नेपाल पुलिस के एसएसपी संजीव शर्मा ने भी बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में हालात सामान्य है. मृतका के शव का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है और उसके शव को परिजनों के पास नेपाल भेज दिया गया है.

उधर मामले की जांच कर रही पुलिस ने आरोपी भारतीय छात्र को गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है. पुलिस मृतका का मोबाइल तथा अन्य वस्तुएं जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. मामले की आरंभिक जांच में भुवनेश्वर कटक के पुलिस आयुक्त सुरेश देव दत्ता सिंह के पक्ष से कहा गया है कि विश्वविद्यालय के ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष में पढ़ने वाले एक छात्र द्वारा नेपाल की छात्रा को परेशान किया जा रहा था. पुलिस के अनुसार पीड़िता के रिश्तेदारों ने विश्वविद्यालय प्रशासन में शिकायत भी दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि आरोपी पीड़िता को ब्लैकमेल कर रहा था, जिसकी वजह से पीड़िता ने खुद को मिटा डाला.

फिलहाल यह मामला शांत पड़ता दिखाई दे रहा है. सूत्रों ने बताया कि केंद्र के दबाव के बाद कलिंगा इंस्टीट्यूट आफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ने नेपाल के छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए कुछ जरूरी कदम उठाए हैं. विश्वविद्यालय कैंपस में नेपाली छात्रों को वापस लौटने में सहायता के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो दिन-रात काम करेगा. इसके अलावा छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो सुरक्षा कर्मियों को भी निष्कासित कर दिया है. इसके अलावा हॉस्टल के दो वरिष्ठ कर्मियों और इंटरनेशनल रिलेशंस ऑफिस के एक सीनियर प्रशासकीय अधिकारी को जांच होने तक निलंबित कर दिया है.

नेपाल के छात्र चाहते हैं कि जल्द से जल्द मामले की जांच की जाए और दोषी लोगों को दंडित किया जाए. इसके अलावा विश्वविद्यालय कैंपस में एक सुरक्षात्मक वातावरण का निर्माण हो, ताकि नेपाल के छात्रों के साथ किसी तरह का भेदभाव ना किया जाए.इसके अलावा कैंपस में उपयुक्त पढ़ाई का वातावरण बन सके. देर से ही सही विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल कर दी है. उम्मीद की जानी चाहिए कि नेपाल की छात्रा की मौत के रहस्यों पर से जल्द ही पर्दा उठेगा और पीड़िता को इंसाफ मिलेगा.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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