सेवक, रंगपो, सिक्किम, कालिमपोंग और पहाड़ के छोटे-छोटे गांव के लोगों का जीवन बदलने जा रहा है. खासकर सिक्किम दिसंबर 2027 के बाद पूरी तरह बदल जाएगा. यहां के लोग उम्मीद से हैं. और उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब उनके सपनों को पंख लगने शुरू हो जाएंगे.
वह दिन दूर नहीं, जब सिक्किम और पहाड़ के लोगों के जीवन में एक नया बदलाव देखने को मिलेगा. संचार के क्षेत्र में सेवक, रंगपो व गंगटोक ही नहीं, बल्कि भारत की चीन की सीमा तक जाता नाथुला तक भारतीय रेल चलेगी. रात दिन काम चल रहा है. समय-समय पर रेलवे, इरकॉन और यांत्रिक विभाग के अधिकारी समीक्षा और मूल्यांकन बैठक करते रहते हैं.
भारतीय रेलवे ने कई मोर्चो पर सफलता प्राप्त कर ली है. कठिन चुनौतियों के बीच एक दुर्लभ सफलता प्राप्त की है. सेवक से रंगपो तक 45 किलोमीटर तक रेलवे का काम 70% से अधिक पूरा हो चुका है. दिसंबर 2027 तक उसे संपूर्ण रूप से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ताशिलिंग सचिवालय में सेवक रंगपो रेलवे प्रोजेक्ट से जुड़े विभिन्न वर्गों के अधिकारियों की एक बैठक में कई बातें निकलकर सामने आई. बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव आर तेलंग ने की थी.
इस बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों अथवा उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे. बैठक में उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे के हितेंद्र गोयल भी उपस्थित थे, जो रेलवे के प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे थे. इसके अलावा इरकॉन के सीजीएम रेनया एटा भी इस बैठक में मौजूद थे. अधिकारियों की बैठक में प्रोजेक्ट को पूरा करने का एक नया डेडलाइन निर्धारित किया गया है. इसके अनुसार दिसंबर 2027 तक प्रोजेक्ट को संपूर्ण रूप से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
सेवक रंगपो रेलवे प्रोजेक्ट एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जो भूसे के ढेर में सुई तलाशने जैसा कठिन काम है. लेकिन इरकॉन, रेलवे तथा संबंधित इंजीनियरिंग और अधिकारियों का समर्पण व मेहनत रंग ला रहा है. हाल ही में इस मार्ग पर एक और सेतु का काम पूरा कर लिया गया है. अब गिने चुने सेतु व सुरंग ही रह गए हैं. प्रोजेक्ट में अधिकांश सुरंग और पुलों पर 70% से अधिक काम पूरा कर लिया गया है. सेवक रंगपो रेलवे लाइन की डिजाइन कुछ इस प्रकार से की गई है कि यात्री और मालवाहक ट्रेनों के लिए यह काफी कंफर्टेबल है.
सेवक स्टेशन यार्ड का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है. सेवक स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाया जा रहा है. सेवक से लेकर रंगपो तक यात्रियों को एक विचित्र सुकून और सुख की अनुभूति होगी. इसके साथ ही यात्रियों के आराम का भी पूरा ध्यान रखा गया है.कार्य कुछ इस तरीके से चल रहा है कि इस क्षेत्र में प्राकृतिक हादसों अथवा आपदाओं जैसे बाढ, भूस्खलन का भी कोई असर नहीं होगा. पहले चरण का काम पूरा होने के बाद दूसरे और तीसरे चरण का काम भी लगातार चलता रहेगा. अधिकारियों की बैठक में इस पर भी विचार किया गया.
सेवक रंगपो रेलवे प्रोजेक्ट के पहले चरण में रंगपो तक कार्य पूरा किया जाएगा. उसके बाद फेज 2 का काम शुरू होगा, जो रंगपो से गंगटोक तक चलेगा और तीसरे चरण में इस कार्य को गंगटोक से नाथुला तक बढ़ाया जाएगा. अधिकारियों ने बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की. योजना पर बारीकियों से विचार किया गया. किस तरह से इस कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा और इसके लिए संसाधनों के साथ योजना की रूपरेखा क्या होगी, इस पर भी अधिकारियों की बैठक में चर्चा की गई.
मुख्य सचिव आर तेलंग ने कहा कि यह प्रोजेक्ट सिक्किम और पहाड़ की अर्थव्यवस्था में एक अभूतपूर्व बदलाव लाएगा. न केवल पहाड़ के लोगों के जीवन में सुधार होगा, बल्कि इस क्षेत्र की आर्थिक प्रगति भी होगी. छोटे-छोटे गांव भी संचार से जुड़ेंगे. पर्यटन क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी और इस तरह से राज्य के लोगों के सशक्तिकरण को तेज गति मिलेगी.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)