पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरा देश आक्रोश में है. पाकिस्तान की करतूत का खुलासा होते ही भारत ने उसे वह सजा दी है, जो 1965 के बाद ऐसे कई मौके आए, जहां पाकिस्तान ने 26/11, कारगिल, बालाकोट जैसी एक पर एक कई गलतियां की. लेकिन फिर भी भारत धैर्य धारण करता रहा. यह पहला मौका है जब भारत का धैर्य जवाब दे गया है. भले ही पाकिस्तान खुद को निर्दोष होने की दुहाई दे रहा है, परंतु आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान का फैसला भारत ने कर दिया है. कल ही शाम भारत ने कूटनीतिक रणनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर कदम उठाकर पाकिस्तान को इस हाल में डाल दिया है कि वहां की अवाम अब जल बिन मछली की तरह तड़पेगी और इसके लिए पाकिस्तान सरकार को जी भर कोसेगी.
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में थे. मधुबनी की जनसभा में उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा है कि उसे वह सजा मिलेगी, जिसके बारे में उसने कल्पना भी नहीं की होगी. प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सफाया होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की बची खुची जमीन अब मिट्टी में मिल जाएगी. भारत इससे पहले पुलवामा और उड़ी अटैक के समय भी इतना आक्रोशित नहीं था. सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जरूर हुआ था. लेकिन इस बार जो होने जा रहा है, वह कल्पना से भी परे होगा. नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को यह मैसेज दे दिया है.
पाकिस्तान को रसातल में पहुंचाने के लिए कल ही सीसीएस की बैठक में कई कठोर कदम उठाये गये थे. इनमें सिंधु जल समझौते पर रोक, पाकिस्तान हाई कमिशन ब॔द, अटारी बाघा बॉर्डर बंद, और इस तरह से पाकिस्तान को पूरी तरह अलग-थलग कर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एलाने जंग’ के बाद एक तरफ पाकिस्तान में आतंकी आका थर-थर कांपने लगे हैं, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की सरकार दहशत में आ गई है.
पाकिस्तान में दहशत का आलम ऐसा है कि उसे लग रहा है कि भारत कभी भी युद्ध कर सकता है. इसलिए वहां की सरकार भारत से मुकाबले के लिए अपनी मशीनरी को दुरुस्त करने में जुट गई है. आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड और लश्कर का डिप्टी चीफ कैमरे के सामने आकर गिड़गिड़ा रहा है और कह रहा है कि यह हमला उसने नहीं कराया है. सबसे पहले यह समझने की कोशिश करते हैं कि भारत सरकार ने एक दिन पहले पाकिस्तान को क्या बड़ी सजा दी है, जिसका उस पर असर पड़ने वाला है.
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों का बंटवारा होता है. अब समझौता रोकने पर पाकिस्तान पर आर्थिक और पर्यावरणीय दबाव पड़ेगा. पाकिस्तान की जनता जल बिन तड़प तड़प कर अपनी जान दे देगी. भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल प्रभाव से भारत छोड़ने का आदेश दिया है. पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं. भारत का यह कदम सुरक्षा और कूटनीतिक जवाब के रूप में है. अटारी बॉर्डर को बंद करने से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और आवागमन पर पूरी तरह रोक लग चुका है.
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्च आयोग के रक्षा, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया गया है और उन्हें एक सप्ताह में ही भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्च आयोग से सैन्य सलाहकारों और सहायक कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है. इससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध और सीमित हो गए हैं.
विशेषज्ञों की नजर में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाए हैं, उसे युद्ध से भी भयानक कदम के रूप में देखा जा रहा है. दो देशों के बीच युद्ध केवल तोप,टैंक और मिसाइल से ही लड़ा नहीं जाता, बल्कि बिना खून बहाए भी किसी को बड़ी सजा दी जा सकती है. भारत ने ऐसा ही किया है. पाकिस्तान से युद्ध लड़े बिना उसे वह सजा दी है, जिसका प्रभाव आने वाले कुछ दिनों में देखने को मिलेगा और वहां गृह युद्ध की स्थिति उत्पन्न होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है.
आज प्रधानमंत्री के बिहार में दिए गए भाषण से स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान को इससे भी ज्यादा भयंकर सजा मिलने वाली है. विशेषज्ञ मानते हैं कि अब पाकिस्तान का बचना मुश्किल है. भारत को दुनिया के सभी प्रमुख देशों का आतंकवाद के खिलाफ समर्थन मिल चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यह स्वीकार करते हैं और इसीलिए ऐसा लगता है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध से भी बड़ा कदम उठाने जा रहा है, जिसकी मौजूदा समय में कल्पना करना आसान नहीं है.
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