अभिभावक और बच्चों के बीच किसी भी विषय को लेकर खुलकर संवाद होना बहुत जरूरी है, क्योंकि अभिभावक और बच्चों के बीच सही तालमेल न होने पर बच्चें अपने मार्ग से भटक जाते हैं और वह ऐसा कर गुजरते हैं, जिससे उनके साथ अभिभावक भी परेशानियों में पड़ जाते हैं | देखा जाए तो, बढ़ाती आधुनिकता के कारण भी अभिभावक और बच्चों के बीच एक दूरी सी आ गई है | क्योंकि एक समय ऐसा भी था जब प्रयाप्त सुविधाएं नहीं मिलती थी, उस समय बच्चों को हर मामलों में अपने अभिभावक से ही बातचीत करनी पड़ती थी और अभिभावक के डांट फटकार से बच्चे इतने प्रभावित नहीं होते थे |
एक अभिभावक का अपने बच्चों को डांट फटकार लगाना रोजमर्रा में शामिल होता था और डांट फटकार के बावजूद बच्चें अपने माता पिता से भावनात्मक रूप से जुड़े रहते थे, लेकिन समय के साथ अभिभावक और बच्चों के बीच संवाद की कमी के कारण कई ऐसी घटनाएं घटित हो रही है, जिसे साफ हो रहा है की, बच्चें गलत दिशा यानी आपराधिक घटनाओं की ओर अपना कदम बढ़ा रहे है |
एक अभिभावक चाहते है कि, उनके बच्चे भी जीवन में सफल रहे और अच्छे इंसान बने, लेकिन अभी के बच्चों में एक अजीब सी मानसिकता आ गई है, वे अलग-थलग रहने लगे हैं और अपने अभिभावकों से समय के साथ दूरी बनाने लगे हैं | और, कुछ ऐसी घटनाएं भी घटित हो रही है जो समाज को झकझोर कर रख देते हैं | बता दे कि,13 साल की बच्ची ने खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची और 15 लाख रुपए फिरौती की मांग भी की, यह हैरान कर देने वाली घटना मध्य प्रदेश के जबलपुर की है और इस घटना को अंजाम देने वाली 13 वर्षीय नाबालिग जो कक्षा सातवीं में पढ़ती है | वह अपनी माँ की डांट फटकार से परेशान हो चुकी थी, क्योंकि बच्ची की माँ बच्ची को सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से दूर रखती थी | जो कि, बच्ची को पसंद नहीं आता था, उसके कारण बच्ची ने घर तो छोड़ा, साथ ही खुद की अपहरण की झूठी कहानी भी गढ़ी और पत्र लिखकर 15 लाख रुपए के मांग की,इसके अलावा 14 दिनों के अंदर रुपए न देने पर बच्ची को जान से मारने की भी धमकी दे डाली | जैसे ही नाबालिग बच्ची की माँ को यह पत्र मिला उन्होंने खमरिया थाने की पुलिस को सूचना दी, पुलिस ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच की मदद से तुरंत जांच शुरू कर दी और विभिन्न क्षेत्र के लोगों से पूछताछ कर सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से बच्ची की तलाश शुरू कर दी |
जांच के दौरान एक ऑटो चालक से पुलिस ने पूछताछ की, ऑटो चालक ने बताया कि, उसने बच्ची को सदर इलाके में छोड़ा, वहीं पुलिस जानकारी के आधार पर सदर क्षेत्र के काली मंदिर इलाके में पहुंची, जहां बच्ची को बरामद किया गया | पुलिस ने इस मामले को 10 घंटे के अंदर ही सुलझा लिया , जब पुलिस ने बच्ची से पूछताछ की तो बच्ची ने साफ तौर पर कहा कि, वह अपने माँ की डांट फटकार से तंग आ गई थी, क्योंकि अक्सर उसकी माँ सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से उसे दूर रहने की हिदायत देती थी, जिसके कारण ही उसने घर से भागने का फैसला लिया ,साथ ही खुद के अपहरण की झूठी साजिश भी रची | इस मामले ने कहीं ना कहीं बच्ची और अभिभावक के बीच में संवाद की कमी को दर्शाया है | एक अभिभावक भली भांति जानते हैं कि, उनकी संतान के लिए क्या सही और क्या गलत है, लेकिन अभी के बच्चें अभिभाक की डांट फटकार से इतने विचलित हो जाते है कि, गलत राह की ओर चल पड़ते है |
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