हर साल दीपावली आती है. दीपावली के दिन लोग पटाखे जलाते हैं और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं,ताकि घर में लक्ष्मी का आगमन हो. हो सकता है कि सभी के घरों में लक्ष्मी ना आती हो, लेकिन इस बार इस दिवाली को आपके घरों में लक्ष्मी जरूर आएगी.
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दीपावली को आपके घर में लक्ष्मी की कृपा प्रदान करने वाले हैं. सारी तैयारी हो चुकी है. बस दीपावली का इंतजार किया जा रहा है. आपको यह लक्ष्मी जीएसटी की भारी छूट के साथ परोक्ष रूप से हासिल होने जा रही है. जिसका सीधा अर्थ यह है कि आम आदमी पर महंगाई का बोझ कम होने जा रहा है. बाजार से कोई भी वस्तु लेंगे, वह सस्ती मिलेगी और इस तरह से आपकी दिवाली खुशियों से भर उठेगी.
बाजार में जीएसटी की चार दरें अलग-अलग वस्तुओं पर लागू होती है ,जो 5% से लेकर क्रमशः 12%, 18% और 28% तक है. आप बाजार से कोई भी सामान खरीदते हैं तो आपको जीएसटी के रूप में टैक्स देना पड़ता है, जिससे वस्तु महंगी हो जाती है. लेकिन अब सरकार ने केवल जीएसटी की दो दरें ही प्रस्तावित की है. सरकार के 12% और 28% टैक्स स्लैब को खत्म करने के प्रस्ताव पर मंत्री समूह की मुहर लग चुकी है.
सितंबर महीने में जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक होने जा रही है. इसमें यह फैसला लिया जाएगा. हालांकि सूत्रों ने बताया है कि जीएसटी की दोनों टैक्स स्लैब को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली के दिन देश भर में लागू करेंगे. नया टैक्स स्लैब होगा 5% और 18%. बुधवार को जीएसटी काउंसिल की तरफ से गठित मंत्रियों के समूह की बैठक नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की गई. इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी भाग लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीएसटी के नए वर्जन को दिवाली के दिन से लागू करना चाहते हैं. इसकी घोषणा उन्होंने 15 अगस्त को ही कर दी थी. नए वर्जन में 12% वाले स्लैब को समाप्त कर उसे 5% में तथा 28% के स्लैब को समाप्त कर उसे 18% में मर्ज कर दिया जाने वाला है. जीएसटी की दरों में इस बदलाव के साथ अधिकतर सामान सस्ते हो जाएंगे.
वर्तमान में जो भी वस्तुएं 12% जीएसटी के दायरे में आती हैं, उनमें से लगभग 99% वस्तुएं 5% जीएसटी स्लैब में आ जाएंगी. जबकि 28% जीएसटी के दायरे में आने वाली 90% वस्तुएं 18% के स्लैब में आ जाएंगी. यानी इसका लाभ आम आदमी को मिलने जा रहा है. इस बदलाव से छोटे व्यापारियों को भी लाभ मिलने जा रहा है. मंत्रियों के समूह की बैठक में पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रमा भट्टाचार्य भी उपस्थित थीं.
केंद्र सरकार स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी समाप्त करने की मंशा बना चुकी है. अभी तक स्वास्थ्य और बीमा पर 18% जीएसटी लगता है. मंत्रियों के समूह की बैठक में अधिकतर राज्यों ने केंद्र के रूख का समर्थन किया है. इसका यह मतलब है कि स्वास्थ्य और बीमा के क्षेत्र में उपभोक्ताओं को कर के रूप में दिए जाने वाले पैसे की बचत होगी. उनके उत्पाद सस्ते होंगे. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक सितंबर में होने जा रही है. इस तरह से सितंबर का महीना देशवासियों के लिए राहत भरा सिद्ध हो सकता है.